Edited By Vatika,Updated: 07 Feb, 2019 01:19 PM
पटियाला के राजिन्द्रा अस्पताल की छत पर धरना दे रही नर्सों का प्रदर्शन गुरुवार को भारी बारिश के दौरान भी लगातार जारी है। इस दौरान धरने में शामिल गुरमीत कौर नामक नर्स की तबीयत बिगड़ने के कारण उसे अस्पताल में ही भर्ती करवाया गया।
पटियालाः पटियाला के राजिन्द्रा अस्पताल की छत पर धरना दे रही नर्सों का प्रदर्शन गुरुवार को भारी बारिश के दौरान भी लगातार जारी है। इस दौरान धरने में शामिल गुरमीत कौर नामक नर्स की तबीयत बिगड़ने के कारण उसे अस्पताल में ही भर्ती करवाया गया।
दरअसल, पक्के करने की मांग को लेकर नर्सिंग स्टाफ की लड़कियां राजिन्द्रा अस्पताल स्थित मैडीकल सुपरिंटैंडैंट के कार्यालय की बिल्डिंग पर चढ़ गईं। उन्होंने मांग की है कि जितना समय मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग का समय नहीं मिल जाता उतना समय वह नीचे नहीं आएंगे। बुधवार को सुबह से ही अस्पताल प्रशासन द्वारा उनको नीचे उतारने के लिए लगातार कोशिशें की गईं जो असफल रहीं। नर्सिंग एसोसिएशन नेता कर्मजीत कौर औलख का कहना है कि जब पंजाब में अकाली दल की सरकार थी तो उस समय भी यह संघर्ष शुरू किया गया था, उस समय महारानी परनीत कौर ने खुद मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को पत्र लिखा था कि नर्सों की मांगें मानी जाएं जबकि अब खुद कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भी न तो मांगें मानी जा रही हैं और न ही मुख्यमंत्री द्वारा मिलने का समय दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सेहत मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा के साथ कई बार मीटिंग हो चुकी है, इसके बावजूद कोई परिणाम नहीं निकला इसलिए अब फिर उनके साथ मीटिंग करके समय खराब करने का कोई फायदा नहीं है। गत संघर्ष समय कई नर्सों को जेल तक जाना पड़ा था और कइयों ने नहर में छलांग लगा दी थी लेकिन सरकारों के कानों पर कोई जूं नहीं रेंगी थी। अब कांग्रेस सरकार भी उसी रास्ते चल रही है। उन्होंने बताया कि कच्चे तौर पर कार्य कर रही नर्सांे की गिनती 700-800 के करीब हो सकती है जबकि पक्की या महज 20 या 30 के करीब ही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने हमारी कोई भी मांग पूरी नहीं की। बीबी औलख ने कहा कि चुनावों से पहले हमारे साथ वायदा किया गया था कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 1 महीने के अंदर पक्का किया जाएगा लेकिन 2 वर्ष बीत जाने पर कोई भी कार्रवाई शुरू नहीं की गई और हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।