Edited By swetha,Updated: 25 Sep, 2018 09:16 AM
र्ज में डूबे पंजाब के किसानों ने प्रदेश सरकार से हर उम्मीद छोड़ दी है। उसकी गलत नीतियों के कारण लगातार प्रदेश का किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है। सरकार व प्रदेश के मुख्यमंत्री सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित हैं।
जालंधर (रविंदर): कर्ज में डूबे पंजाब के किसानों ने प्रदेश सरकार से हर उम्मीद छोड़ दी है। उसकी गलत नीतियों के कारण लगातार प्रदेश का किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है। सरकार व प्रदेश के मुख्यमंत्री सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित हैं।
किसानों के जो हालात पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान थे, मौजूदा कांग्रेस सरकार के राज में उससे भी बुरे हो चुके हैं। मौजूदा सरकार के रवैये व छलावे के कारण अब प्रदेश का किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। किसान अब अपने परिवार के भविष्य के लिए ज्योतिषों की शरण में जा रहा है। हालांकि अधिकांश का मानना है कि वे ज्योतिष पर ज्यादा विश्वास नहीं रखते। मगर सरकार ने हालात इस कदर बुरे कर दिए हैं कि मजबूरन अब यह रास्ता भी अपनाना पड़ा है।
लक्ष्य ज्योतिष संस्थान ने डिजीटल ज्योतिषि के संबंध में कैंप लगाया था जो फ्री आर्गेनाइज किया गया था । इसमें 45 के करीब ज्योतिषों ने भाग लिया था। इस कैंप में पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा समेत दिल्ली के लोगों ने भी भाग लिया। पंजाब से ज्यादातर किसान व युवा वर्ग इस कैंप का हिस्सा बना। अधिकांश युवाओं के माता-पिता भी उनके साथ थे। किसानों के परिवार भी इस ज्योतिष कैंप का हिस्सा बने। लोगों का कहना था कि मौजूदा सरकार की गलत नीतियों से पंजाब की किसानी पूरी तरह से उजड़ चुकी है।
कर्ज में डूबे परिवारों को इस सरकार से कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। इनमें से कई वे किसान परिवार भी थे जो अपने घर के मुखिया को कर्ज की दलदल के कारण खो चुके थे। वहीं युवा वर्ग के परिजनों का कहना था कि मौजूदा सरकार के पास कोई रोजगार पॉलिसी नहीं है। बेरोजगारी व पारिवारिक उलझनों के कारण पंजाब के युवाओं का भविष्य दिन-ब-दिन गर्त की ओर जा रहा है। यह पंजाब सरकार के लिए शर्मनाक बात है कि पंजाब का अन्नदाता किसान व पंजाब का भविष्य युवा वर्ग दोनों ही सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं।
अधिकांश किसानों का सवाल कर्ज से उभरना और गरीबी से कैसे छुटकारा पाने के बारे में ही थे, जबकि युवा वर्ग अपनी नौकरी को लेकर ज्यादा चिंतित दिखाई दिया। कैंप आर्गेनाइज करने वाले ज्योतिषी रोहित कुमार व बीना शर्मा का कहना था कि कैंप में आने वाले अधिकांश लोग डिप्रैशन के शिकार थे जो एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसे लोगों को काऊंसलिंग की जरूरत है, जब सरकारें फेल होती हैं तो लोग यहां उनका समाधान ढूंढने आते हैं।