अब सिलेबस का बोझ होगा कम, थ्योरी की बजाए प्रैक्टिकल काम पर दिया जाएगा जोर

Edited By Tania pathak,Updated: 08 Jun, 2020 11:04 AM

now syllabus burden will be less emphasis will be given on practical work

सी. बी. ऐस. ई. का मकसद है कि विद्यार्थियों को ज़्यादा थ्यूरी पढ़ाने की बजाय प्रैक्टिकल तरीको को समझाया जाए। इसी फार्मूले को इस्तेमाल कर सिलेबस कम किया जा रहा है...

लुधियाना (विक्की): पिछले लगभग ढाई महीनों से घर बैठ कर ही ऑनलाइन क्लास लगा रहे स्कूली विद्यार्थियों के लिए एक राहत वाली ख़बर है। कोविड -19 कारण विद्यार्थियों पर शैक्षिक सैशन में सिलेबस का बोझ कम करने के मकसद के साथ सैंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सी. बी. ऐस. ई.) ने तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले 1महीने में विद्यार्थी और स्कूलों को इस बात की सूचना बोर्ड की तरफ से भेजी जा सकती है। सी. बी. ऐस. ई. का मकसद है कि विद्यार्थियों को ज़्यादा थ्यूरी पढ़ाने की बजाय प्रैक्टिकल तरीको को समझाया जाए। इसी फार्मूले को इस्तेमाल कर सिलेबस कम किया जा रहा है और अगले एक महीनो में इस को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। बता दें कि कोरोना संकट दौरान पढ़ाई के हुए नुक्सान की भरपायी के लिए बोर्ड कई यत्न कर रहा है। इस दौरान विद्यार्थियों का जितना समय बर्बाद हुआ है, उस के आधार पर सिलेबस कम किया जायेगा।

रिपीट होने वाले टॉपिक हो सकते है कम
सीबीऐसई के नव -नियुक्त चेयरमैन मनोज अहूजा ने एक वर्चुअल कान्फ़्रेंस (फ्यूचर आफ स्कूलज़ ओवरकमिंग कोविड -19 चैलेंज एंड ब्यूंड) दौरान प्रिंसिपल और अध्यापकों के साथ बातचीत दौरान कहा कि सिलेबस अगले एक महीनो में तैयार कर लिया जायेगा। इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि यदि इस तरह कोई टॉपिक है, जो किसी रूप में सिलेबस में रिपीट हो रहा है या जिस के लिए विद्यार्थियों और अध्यापकों को ज़्यादा वर्क करना पड़ रहा है, उसे कम किया जाये। चेयरमैन ने कहा कि विषयों में इस ऐसे टॉपिक जो कि शिक्षा के लिए बहुत ज़रूरी हैं, उन को बनाने रखने की योजना है। 

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