Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 10:26 AM
पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान डूब चुके रीयल एस्टेट सैक्टर को बचाने के लिए कैप्टन सरकार ने सत्ता में आते ही 9 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी को 6 प्रतिशत करने का ऐलान कर दिया....
अमृतसर(नीरज): पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान डूब चुके रीयल एस्टेट सैक्टर को बचाने के लिए कैप्टन सरकार ने सत्ता में आते ही 9 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी को 6 प्रतिशत करने का ऐलान कर दिया, जो अफसरशाही की लेटलतीफी के कारण तहसीलों में पहुंचा है, लेकिन इस दौरान सरकार को स्टांप ड्यूटी व अन्य फीसों के रूप में करोड़ों का नुक्सान भी हो चुका है, क्योंकि ड्यूटी कम किए जाने के ऐलान के बादलोगों ने रजिस्ट्री करवानी बंद कर दी थी और तहसीलों में वीरानी छा गई थी, फिलहाल सरकारी नोटीफिकेशन आने के बाद एक बार फिर से तहसीलों में रौनक आ गई है।
कई महीनों के बाद तहसीलों में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है और इससे आम जनता सहित वसीका नवीसों में भी खुशी का माहौल है, अब 9 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की बजाय 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी से रजिस्ट्री हुआ करेगी।इंटरनैट सेवाएं बंद होने के कारण सोमवार को नोटीफिकेशन नहीं आ सका था, जिसके चलते मंगलवार के दिन भी कुछ लोग पुरानी स्टांप ड्यूटी के हिसाब से रजिस्ट्री करने के लिए आए थे।
प्रॉपर्टी कारोबार में आएगा बूम
पूर्व गठबंधन सरकार की तरफ से अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में एक समय के दौरान पॉवर ऑफ अटार्नी को बंद कर दिया, जिससे प्रॉपर्टी कारोबार को ऐसा धक्का लगा कि इसकी कमर ही टूट गई।हजारों की संख्या में प्रॉपर्टी डीलर व रीयल एस्टेट सैक्टर से जुड़े लोग जमीन पर आ गए इसका असर लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला।
मौजूदा वित्त मंत्री व भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेतली तक को अमृतसर लोकसभा सीट से लाखों वोटों के अंतर से हारना पड़ा। यही हाल विधान सभा चुनावों में भी देखने को मिला और कांग्रेस सरकार बहुमत से सत्ता में आ गई। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अपनी पहली बैठक में ही स्टांप ड्यूटी कम करने का ऐलान कर दिया, जिसका नोटीफिकेशन आज आया है, फिलहाल देर से ही सही यह माना जा रहा है कि स्टांप ड्यूटी कम होने से प्रॉपर्टी कारोबार में बूम आएगा और दम तोड़ चुका प्रॉपर्टी कारोबार फिर से पुनर्जीवित हो जाएगा।