Edited By Updated: 09 Jan, 2017 04:10 PM
लोहड़ी के पवित्र त्यौहार में चाहे अभी कुछ दिन बाकी है, लेकिन इस त्यौहार की रस्में निभाने के लिए लोग तैयारियों में जुट गए हैं।
जीरा/फिरोजपुर (अकालियां वाला): लोहड़ी के पवित्र त्यौहार में चाहे अभी कुछ दिन बाकी है, लेकिन इस त्यौहार की रस्में निभाने के लिए लोग तैयारियों में जुट गए हैं। वक्त बेशक नोटबंदी का है, लोग पैसे की किल्लत से जूझ रहे है जिस कारण महंगाई के युग में लोगों के लिए कोई वस्तु खरीदना भी मुश्किल है। लोग लड़कियों से अधिक बेटों की ही परमात्मा से मांग करते हैं, लेकिन कुदरत से जिस घर में लड़कियां आईं उस घर में किसी वस्तु की कोई भी कमी नहीं रही। इस कारण ही अभिभावक अपनी बेटियों को ससुराली घर में जाकर भी ऐसे पवित्र त्यौहार पर सामाजिक रस्में निभाने से कभी पीछे नहीं हटते। लोहड़ी के त्यौहार का पवित्र तोहफा बेशक मूंगफली व रेवड़ी समझा जाता है।
सनेर में भी लगेगा लड़कियों की लोहड़ी का मेला
जीरा के नजदीकी गांव सनेर में ग्राम पंचायत समूह नगर निवासी व समाज सेवी संगठनों के सहयोग से लड़कियों की छठी लोहड़ी 11 जनवरी को मनाई जा रही है। समागम के कन्वीनर तीर्थ सिंह ने बताया कि इस दौरान नवजन्मी बच्चियों की लोहड़ी मनाई जाएगी। इस दौरान नवजन्मी बच्चों की माताओं को सम्मानित किया जाएगा। विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा महिलाओं के सत्कार को दर्शाते नाटक पेश किया जाएगा।
लोहड़ी पर महिलाओं के सिर पर सजेंगे केसरी दुपट्टे
समाज में आए परिवर्तन के कारण लड़कियों को बेटों की तरह मान-सम्मान देने के लिए मालवा के पवित्र स्थान गुरुद्वारा शहीद बाबा तेगा सिंह चंदपुराना में महिलाओं के सिर लोहड़ी वाले दिन केसरी दुपट्टे सजाए जाते हैं। यह सेवा नि:शुल्क की जाती है। इस संबंधी गांव बहक में पहुंचे संत बाबा गुरदीप सिंह ने बताया कि दो दशकों से महिलाओं के सिर पर केसरी दुपट्टे सजाए जाते हैं। लोहड़ी वाले दिन जितनी भी संख्या में महिलाएं, लड़कियां व बेटियां पहुंचती हैं उनको सिरोपा भेंट करे मान-सम्मान दिया जाता है। इस बार 13 जनवरी को पंजाब भर में जो भी महिलाएं पहुंचेंगी उनको केसरी दुपट्टे भेंट किए जाएंगे जिससे समाज में जागरूकता पैदा होती है।