आम बजट की घोषणाएं नहीं लुभा पाईं पंजाब के मतदाताओं को

Edited By Updated: 02 Feb, 2017 10:04 AM

not made of budget failed to appeal punjab voters

5 राज्यों के चुनावों के मद्देनजर आज वित्त मंत्री अरुण जेतली ने केन्द्रीय बजट पेश किया। वर्ष 2016-2017 के बजट में वित्त मंत्री ने कई ऐतिहासिक घोषणाएं कीं

लुधियाना  (संदीप): 5 राज्यों के चुनावों के मद्देनजर आज वित्त मंत्री अरुण जेतली ने केन्द्रीय बजट पेश किया। वर्ष 2016-2017 के बजट में वित्त मंत्री ने कई ऐतिहासिक घोषणाएं कीं परंतु बजट में पंजाब पर विशेष फोकस न किए जाने एवं 4 फरवरी के मतदान के लिए लगभग अपना मन बना चुकी जनता इस बजट से ज्यादा प्रभावित नहीं नजर आई। कुल मिलाकर केन्द्र सरकार ने बजट में चुनाव आयोग की मजबूरी के चलते पंजाब की मांगों को अनदेखा किया। उसी लहजे में जनता भी अच्छी घोषणाओं के बावजूद इसे देश के बजट की संज्ञा देकर चुनावों के प्रभाव से परे रखती नजर आ रही है। बजट का 2 दिन बाद 4 फरवरी को राज्य में होने वाले मतदान पर क्या असर पड़ेगा, इसके बारे में उद्यमियों की राय इस प्रकार है:

एम.एस.एम.ई. को दी गई 5 प्रतिशत की आयकर छूट बड़ी राहत 
पंजाब एम.एस.एम.ई. इंडस्ट्रीयल सैक्टर का घर है। बजट में वित्त मंत्री द्वारा एम.एस.एम.ई. को दी गई 5 प्रतिशत की आयकर छूट अपने आप में एक बहुत बड़ी राहत है। वहीं एग्रीकल्चर सैक्टर पर किया गया फोकस भी सीधे तौर पर पंजाब के एग्रीकल्चर सैक्टर को प्रभावित कर सकता है। अगर पंजाब के लोग इसे ध्यान से समझें तो वे अपना मतदान बजट के आधार पर कर सकते हैं। 

जेतली ने सामान्य करदाता व गरीब आदमी का ध्यान रखा
वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा बजट में ईमानदार टैक्स पेयर को प्रोत्साहित करने से लेकर सामान्य करदाता व गरीब आदमी का ध्यान रखा गया है परंतु इसका पंजाब के चुनावों पर कोई असर नहीं देखने को मिलेगा क्योंकि जब तक सामान्य वोटर को बजट की समझ आएगी तब तक चुनाव निकल चुके होंगे। वहीं यू.पी. के चुनावों में इसके कुछ हद तक प्रभाव की उम्मीद की जा सकती है। 

बजट में पंजाब की जनता के लिए कुछ भी नहीं 
मोदी सरकार द्वारा दिया गया बजट तो सराहनीय है परंतु इसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जो केवल पंजाब की जनता के लिए हो। सरकार का बजट समस्त देशवासियों के लिए है। पंजाब में भाजपा का अपना आधार नाममात्र है। ऐसे में केन्द्रीय बजट की घोषणाएं अकाली सरकार के विरुद्ध एंटी इनकमपेंसी के निर्णय को प्रभावित करने में ज्यादा असरदार नहीं होंगी।

पंजाब चुनावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
केन्द्र का बजट पंजाब स्पैसिफिक नहीं है इसलिए इससे पंजाब चुनावों पर प्रभाव का सवाल ही पैदा नहीं होता। बजट की घोषणाएं समस्त देशवासियों के लिए हैं न कि केवल पंजाब के लिए। पंजाब की इंडस्ट्री व ट्रेड द्वारा सरकार को की गई सिफारिशों को बजट में अनदेखा किया गया है। बजट में पंजाब की टैक्सटाइल इंडस्ट्री को कोई राहत नहीं दी गई है। 

कर्ज न चुका पाने वाले किसानों के लिए कोई रियायतें नहीं
वित्त मंत्री अरुण जेतली के बजट में एम.एस.एम.ई. सैक्टर को राहत तो दी गई है परंतु वह केवल पंजाब के लिए नहीं बल्कि पूरे देश की एम.एस.एम.ई. को राहत है। एग्रीकल्चर सैक्टर में भी उन्हीं किसानों को राहत मिलेगी जिन्होंने पहले कर्ज नहीं लिया या अपने कर्ज का भुगतान कर चुके हैं। कर्ज न चुका पाने वाले किसानों के लिए कोई रियायतें नहीं हैं। पंजाब चुनावों से 2 दिन पूर्व बजट की घोषणाएं चुनावों को प्रभावित नहीं कर पाएंगी।

वर्तमान करदाता को भारी मायूसी 
केंद्रीय बजट में मतदाताओं को लुभाने में सरकार कामयाब नहीं होगी। नए करदाताओं को लुभाने की कोशिश में सरकार वर्ष 2015-16 में नैट टैक्स रैवेन्यू में 17 प्रतिशत की बढ़ौतरी के बावजूद कम राहत पर वर्तमान करदाता को भारी मायूसी मिली है। राजनीतिक पार्टियों को इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करना और रियल एस्टेट में लांग टर्म कैपिटल गेन को 3 वर्ष से कम कर 2 वर्ष करना सराहनीय कदम है। 

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