Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 09:37 PM
नार्वे पंजाब को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हो गया है और उसने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। ...
जालन्धर(धवन): नार्वे पंजाब को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हो गया है और उसने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश को लेकर दिलचस्पी दिखाई है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज नार्वे के भारत में उच्चायुक्त रैगनर कामस्वैग से मुलाकात की जिसमें दोनों देशों के संबंधों में मजबूती लाने के विषय पर चर्चा की गई। सरकारी हलकों ने बताया कि बैठक के दौरान नार्वे उच्चायोग की सैकेंड सैक्रेटरी रॉलैंड ड्रैगट तथा सलाहकार उनदिस वी.सिंह भी मौजूद थे। इसमें नार्वे ने पंजाब में खाद्य प्रसंस्करण, नवीकृत ऊर्जा, तेल व गैस क्षेत्रों में दिलचस्पी दिखाई। नार्वे पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कदमों का लाभ उठाना चाहता है।
सरकारी हलकों ने बताया कि कैप्टन ने नार्वे उच्चायुक्त को बताया कि पंजाब सरकार राज्य को निवेश की दृष्टि से सबसे अनुकूल राज्य बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। पंजाब तथा नार्वे मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ सकते हैं जिससे दोनों देशों को लाभ होगा। सरकार द्वारा किसानों के हितों को देखते हुए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि भूमिगत जल स्तर के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
नार्वे के उच्चायुक्त ने कहा कि वह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय का दौरा करके आए हैं जहां उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से चर्चा की। वह पंजाब में सरकार द्वारा किसानों के ऋण माफ करने के लिए चलाई गई योजना से काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि नार्वे फूड प्रोसैसिंग सैक्टर में भी पूंजी निवेश करेगा। मुख्यमंत्री के साथ उनके प्रधान सचिव तेजवीर सिंह, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह तथा विश्वजीत खन्ना भी मौजूद थे।