Edited By swetha,Updated: 17 Mar, 2019 02:16 PM
लोकसभा चुनावों का बिगुल बजने के साथ-साथ पंजाब में डेरों की राजनीति भी शुरू हो गई है। मतदान के नजदीक आते ही डेरे में राजनीतिक नेताओं का आना-जाना लगा रहता है। पर डेरा किसी भी पार्टी के समर्थन में कोई बयान नहीं जारी करता है।
जालंधर: लोकसभा चुनावों का बिगुल बजने के साथ-साथ पंजाब में डेरों की राजनीति भी शुरू हो गई है। मतदान के नजदीक आते ही डेरे में राजनीतिक नेताओं का आना-जाना लगा रहता है। पर डेरा किसी भी पार्टी के समर्थन में कोई बयान नहीं जारी करता है।
पिछले पंजाब विधानसभा मतदान दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी भी डेरा ब्यास पहुंचे थे। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी डेरा ब्यास पहुंचे थे। उन्होंने डेरा प्रमुख गुरिन्दर सिंह ढिल्लों के साथ 2 घंटे मुलाकात की। दोपहर 1.48 बजे गडकरी ने अपने ट्विटर पर डेरा ब्यास से मिलने संबंधी पोस्ट डाली थी। उन्होंने लिखा था कि आज राधा स्वामी सत्संग ब्यास में डेरा प्रमुख बाबा गुरिंद्र सिंह के साथ मुलाकात हुई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा कीजीत के लिए आशीर्वाद लिया। गडकरी ने यह पोस्ट प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान अमित शाह, कैलाश विजयबर्गीय और राधा स्वामी डेरा ब्यास के ट्विटर अकाउंट को टैग भी की।
पंजाब में एक दर्जन से ज्यादा डेरे
पंजाब में एक दर्जन से ज्यादा डेरे हैं। मुख्य डेरों में डेरा सच्चा सौदा, राधा स्वामी सतसंग ब्यास, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, सच्चखंड बलां, संत निरंकारी मिशन आदि शामिल हैं। डेरा सच्चा सौदा के पंजाब में लगभग सौ नाम चर्चा घर हैं । कई डेरे अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप के साथ मतदान दौरान किसी पक्ष या उम्मीदवार को समर्थन देते हैं और समीकरण पलट जाते हैं। इस लिए पंजाब की राजनीति में डेरे अहम जगह रखते हैं।