निर्मल सिंह ठेकेदार चीफ खालसा दीवान के प्रधान

Edited By Mohit,Updated: 17 Feb, 2019 07:43 PM

nirmal singh elected president of chief khalsa diwan

सिख संस्था चीफ खालसा दीवान के प्रधान सहित छह पदों के लिए रविवार को दीवान के मुख्य कार्यालय में करवाए गए, जिनमें मजीठा-अणखी ग्रुप के निर्मल सिंह ठेकेदार को प्रधान चुना गया। उप प्रधान के दो पदों के लिए इंदरवीर सिंह निज्जर और अमरजीत सिंह...........

अमृतसरः सिख संस्था चीफ खालसा दीवान के प्रधान सहित छह पदों के लिए रविवार को दीवान के मुख्य कार्यालय में करवाए गए, जिनमें मजीठा-अणखी ग्रुप के निर्मल सिंह ठेकेदार को प्रधान चुना गया। उप प्रधान के दो पदों के लिए इंदरवीर सिंह निज्जर और अमरजीत सिंह बिक्रांत जबकि कांग्रेस के पूर्व विधायक सविंदर सिंह कथूनंगल और सुरिन्दर सिंह रूमालेवाले मानद सचिव चुने गए। इसके अतिरिक्त स्थानिक प्रधान पद के लिए चड्डा ग्रुप के धर्मेंद्र सिंह चुने गए हैं।

दो समूहों के 12 सदस्य थे चुनाव मैदान में 
चीफ खालसा दीवान कार्यकारिणी के छह पदों के लिए दो समूहों के 12 सदस्य चुनाव मैदान में थे। इनमें चरनजीत सिह चड्डा ग्रुप के सर्वजीत सिंह और मजीठा अणखी ग्रुप से निर्मल सिंह ठेकेदार प्रधान पद का चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव में देश भर की स्थानीय समितियों के 330 सदस्यों ने दीवान के संविधान अनुसार अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चड्डा ग्रुप से प्रधान पद के उम्मीदवार सर्वजीत सिंह जनता पार्टी के पूर्व सांसद कृपाल सिह के पुत्र हैं।  

अश्लील वीडियो वायरल होने के चड्डा को हटा दिया था पद से
उल्लेखनीय है कि चड्डा ग्रुप पिछले दस वर्षों से चीफ खालसा दीवान के प्रधान पद पर काबिज था। चरनजीत सिंह चड्डा को अश्लील वीडियो वायरल होने के पश्चात उनके पद से हटा दिया गया था और उनके स्थान पर धनराज सिंह को कार्यकारी प्रधान बनाया गया था। पिछले वर्ष हुए चुनावों में चड्डा ग्रुप के डॉ. संतोख सिंह चीफ खालसा दीवान के प्रधान चुने गए थे लेकिन वह केवल छह महीने ही इस पद पर आसीन रह सके। उन्हें गबन के एक मामले में सजा हो गई थी।  

1906 में की गई थी चीफ खालसा दीवान की स्थापना 
चीफ खालसा दीवान की स्थापना सिख शिक्षाओं के प्रचार और प्रसार के लिए साल 1906 में की गई थी जिसकी देश भर में नौ स्थानीय कमेटियां हैं जिनमें अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, होशियारपुर, चंडीगढ़, कानपुर, तरन तारन, दिल्ली और मुंबई शामिल हैं। इन कमेटियों के लगभग पांच सौ सदस्य हुआ करते थे लेकिन चड्डा ने प्रधान पद पर आसीन होने के पश्चात इनकी संख्या घटाकर 433 कर दी।   

इतने वर्ष बाद करवाए जाते हैं यह चुनाव
चीफ खालसा दीवान के संविधान अनुसार इसके चुनाव हर तीन वर्ष में करवाए जाते थे और यह चुनाव श्री अकाल तख्त साहिब की निगरानी में हुआ करते थे लेकिन चड्डा ने संविधान में संशोधन कर चुनावों की अवधि को बढ़ा कर पांच वर्ष कर दिया और अकाल तख्त साहिब की निगरानी की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने चीफ खालसा दीवान का नाम भी बदल कर चीफ खालसा दीवान चैरिटेबल ट्रस्ट कर दिया।
 

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