50 करोड़ जुर्माना नहीं देगी पंजाब सरकार, NGT में दायर करेगी याचिका

Edited By Vatika,Updated: 03 Aug, 2019 03:37 PM

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नदियों में प्रदूषण से खफा एन.जी.टी. ने 2018 में लगाया था जुर्माना

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब सरकार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते में 50 करोड़ जुर्माना जमा नहीं करवाएगी। सरकार ने नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) में याचिका दायर करने का फैसला किया है। बकायदा चीफ सैक्रेटरी की अध्यक्षता में गठित स्टेट एपैक्स कमेटी ने मोहर भी लगा दी है। करीब 9 माह एन.जी.टी. ने नदियों में फैले प्रदूषण पर नाराजगी जाहिर करते हुए पंजाब सरकार पर 50 करोड़ जुर्माना लगाया था। 14 नवम्बर, 2018 को जारी आदेश में ट्रिब्यूनल ने कहा था कि पंजाब में पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचाई गई है, जो वित्तीय शब्दवाली में 50 करोड़ से कम नहीं है। निर्देश दिए गए थे कि पंजाब सरकार एक माह के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते में 50 करोड़ जमा करवाए ताकि धनराशि से पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण पीड़ितों को मदद मिल सके। बावजूद इसके धनराशि जमा करवाना तो दूर, सरकार ने अब जुर्माने के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।

पहले उगाही का बनाया गया फार्मूला हुआ फेल 
याचिका दायर करने से पहले सरकार ने प्रदूषण फैलाने वालों से जुर्माना वसूलने का फार्मूला तैयार किया था। वित्त विभाग ने सलाह दी थी कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राशि जमा करवा दे और बाद में प्रदूषण फैलाने वालों से वसूली की जाए। हालांकि बोर्ड ने इतनी बड़ी रकम जमा करवाने में असमर्थता जताई लेकिन प्रदूषण फैलाने वालों से वसूली का फार्मूला तैयार कर दिया था। इसके तहत औद्योगिक इकाइयों के जरिए करीब 3.5 करोड़, स्थानीय निकाय विभाग के जरिए करीब 44 करोड़ और ग्रामीण विभाग के जरिए करीब 2.5 करोड़ रुपए इकट्ठा करने की बात कही गई थी। लेकिन फरवरी 2019 में समीक्षा के बाद रकम इकट्ठा करने का फार्मूला रद्द कर दिया और निर्णय लिया कि बोर्ड सरकार की ओर से ट्रिब्यूनल के समक्ष याचिका दायर करे।

पक्ष रखने का मौका मांगेगी सरकार
अधिकारियों की मानें तो पुर्नविचार याचिका में सरकार ट्रिब्यूनल के समक्ष पक्ष रखने का मौका मांगेगी। सरकार दलील देगी कि ट्रिब्यूनल ने आदेश में सरकार को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया। सरकार यह भी बताएगी कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को लेकर सरकार काफी संजीदा है और कई ठोस उपाय करने के अलावा एक्शन प्लान तक तैयार कर लिए हैं।

16 जुलाई 2019 को जुर्माने पर ट्रिब्यूनल सुना चुका है नया आदेश
सरकार एक तरफ 50 करोड़ जुर्माने में उलझी है तो दूसरी तरफ ट्रिब्यूनल ने 16 जुलाई, 2019 को नया आदेश भी सुना दिया है। इसके तहत ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण फैलाने वालों से एन्वायरनमैंटल कम्पनसैशन वसूलने का फार्मूला तक तय कर दिया है। इस फार्मूले के हिसाब से ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण फैलाने वालों से 5 साल तक की वसूली करने को कहा है। 5 साल के जुर्माने से बचने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले को स्पष्टीकरण देना होगा कि अतीत में प्रदूषण नहीं फैला रहा था। ट्रिब्यूनल ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मॉनीटरिंग कमेटी और ट्रिब्यूनल के समक्ष रिपोर्ट भी जमा करवाने को भी कहा है। 

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