Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 01:37 PM
बेतहाशा बढ़ते प्रदूषण पर ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा पुराने वाहनों पर रोक, ऑड-ईवन फॉर्मूला, कार-शेयरिंग इत्यादि उपाय किए जा रहे हैं।
फतेहगढ़ साहिबः बेतहाशा बढ़ते प्रदूषण पर ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा पुराने वाहनों पर रोक, ऑड-ईवन फॉर्मूला, कार-शेयरिंग इत्यादि उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन बात बन नहीं रही है। ऐसे में एक अच्छी खबर भारतीय वैज्ञानिकों की ओर से आई है। उनका कहना है कि वाहन निर्माण में एल्युमिनियम की जगह यदि मैग्नीशियम एलॉय का उपयोग किया जाए तो बात बन सकती है। मैग्नीशियम से बने पिस्टन से ईंधन तो बचेगा ही, धुआं भी कम होगा।
बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रोफैसर डॉ. नीरज बाला व उनकी टीम की ओर से किए गए प्रयोग में सामने आया है कि वाहनों में एल्युमिनियम के स्थान पर मैग्नीशियम एलॉय का उपयोग सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है। खासतौर पर प्रदूषण नियंत्रण में यह बेहद कारगर साबित होगा। यह वाहनों की क्षमता को बढ़ा देगा।
उनके अनुसार मैग्नीशियम एलॉय से वाहनों में पिस्टन, इंजन, स्टेयरिंग, ब्रेक, डैश बोर्ड, व्हील व समूचे फ्रेम का निर्माण किया जा सकता है। मैग्नीशियम युक्त एलॉय एल्युमिनियम की तुलना में अधिक मजबूत होता है। साथ ही, इसका भार भी कम होता है। यही कारण है कि मैग्नीशियम का एल्युमिनियम के स्थान पर प्रयोग अधिक लाभदायक सिद्ध होगा।
प्रो. अमनदीप ने बताया कि यह प्रोजैक्ट उन्हें 2013 में मिला था। चार साल के बाद आशाजनक निष्कर्ष सामने आया है। उम्मीद की जा सकती है कि यह एक बड़ा बदलाव लाने में सफल रहेगा। भविष्य में मैग्नीशिमय युक्त एलॉय से बनने वाले वाहन दिखाई देंगे। हालांकि अभी और काम होना बाकी है। क्योंकि 700 डिग्री तापमान पर किसी भी तरह की नमी मैग्नीशियम एलॉय के लिए घातक साबित हो सकती है।
डॉ. नीरज बाला व उनके प्रमुख सहयोगी प्रो. अमनदीप सिंह ने बताया कि हल्का व मजबूत होने के कारण मैग्नीशियम एलॉय से बना पिस्टन घर्षण की प्रक्रिया में अपेक्षाकृत कम गर्म होता है। इससे ईंधन की बचत होगी धुएं से भी राहत मिलेगी।