Edited By Pardeep,Updated: 30 Jul, 2018 01:03 AM
आम आदमी पार्टी हाईकमांड की पंजाब के 8 विधायकों समेत हुई सुखपाल सिंह खैहरा के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक बेनतीजा रही है। सुखपाल खैहरा रविवार देर रात 8 विधायकों को ल कर हाईकमांड के बुलाए जाने पर दिल्ली पहुंचे थे। वर्णनीय है कि पार्टी की तरफ से बीते...
जालंधर(रमनदीप सिंह सोढी): पंजाब में आम आदमी पार्टी के खैहरा की पार्टी की तरफ से बुलाई गई 2 अगस्त की कन्वेंशन को रद्द करवाने के लिए आप हाईकमान द्वारा दिल्ली में हुई खैहरा समर्थकों के साथ मीटिंग बेनतीजा रही है। मीटिंग के दौरान हाईकमान इस रैली को रद्द करवाने के फैसले पर अड़ी रही और हरपाल चीमा को विधान सभा में स्पीकर के पद से हटाने से साफ़ इन्कार कर दिया।
हाईकमान के इस फ़ैसले के बाद सुखपाल खैहरा समर्थक तीखैपन्न के साथ मीटिंग में से बाहर आ गए और उन्होंने 2 अगस्त की कन्वेंशन को रद्द कराने के फ़ैसले पर अटल रहने की बात कही। जगवाणी के साथ बातचीत के दौरान मीटिंग में मौजूद खरड़ से विधायक कंवर संधू ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने विधायकों से 2 अगस्त के कन्वेंशन का कारण पूछा तो हाईकमान को बताया गया कि यह पार्टी वर्करों की भावनाअों को ध्यान में रखकर बुलाई गई है क्योंकि जिस तरीके से विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल खैहरा को उनके पद से हटाया गया है। वह विधि पार्टी वर्करों को न -गंवार गुज़रा है।
इसके जवाब में मनीष ससोदिया ने हरपाल सिंह चीमा के दलित नेता होने का हवाला दिया। मीटिंग में शामिल विधायकों ने पार्टी हाईकमान को तर्क दिया कि यदि पार्टी ने पंजाब में दलितों को सम्मान देना है तो पार्टी का प्रधान दलित क्यों नहीं बनाया जा सकता क्योंकि पार्टी का मौजूदा सूबा प्रधान इस्तीफ़ा दे चुका है और वह पार्टी के मामलों के लिए सक्रिय नहीं है।
इसके अलावा विधान सभा में पार्टी का उप नेता भी दलित चेहरा हो सकता है। विधायकों की तरफ से दिए गए इस तरह के तर्क पर मनीष ससोदिया के पास कोई तसल्लीबखस जवाब नहीं था, उन्होंने हरपाल चीमा को सौंपे गए पद से हटाने से इन्कार कर दिया है।सिसोदिया के इस जवाब में खैहरा समर्थकों ने हाईकमान को 2 तारीख़ को अपनी रैली पर अटल रहने के लिए बात कही और मीटिंग से बाहर आ गए। मीटिंग से बाहर आने के बाद सुखपाल खैहरा ने कहा कि उनके साथ गए विधायकों को चीमा के नाम पर कोई एतराज़ नहीं है जबकि जिस तरीके साथ उनको पद से हटाया गया उस तरीके पर एतराज़ है। विधायकों ने अपनी बात हाईकमान के आगे रख दी है और अब 2 अगस्त को पार्टी के वर्कर और विधायक रैली के दौरान अगले राजनीतिक कदम के बारे कोई फ़ैसला करेंगे।