पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों में 'कोरोना इलाज' के लिए लगाई नई शर्तें

Edited By Vatika,Updated: 21 Jul, 2020 09:06 AM

new conditions for  corona treatment  in private hospitals

प्राइवेट मैडीकल कॉलेजों, अस्पतालों व नर्सिंग होम्ज में आम लोगों द्वारा इलाज करवाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा शुल्क निर्धारित करने से आम लोगों को यह

चंडीगढ़ (शर्मा): प्राइवेट मैडीकल कॉलेजों, अस्पतालों व नर्सिंग होम्ज में आम लोगों द्वारा इलाज करवाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा शुल्क निर्धारित करने से आम लोगों को यह उम्मीद बंधी थी कि बेशक कुछ खर्च कर ही सही, सरकारी अधिकारियों या मंत्रियों के स्तर का तो नहीं लेकिन फिर भी सरकारी अस्पतालों के मुकाबले बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं। लेकिन आम लोगों के लिए यह घोषणा सिर्फ एक छलावा ही था, क्योंकि अगले ही दिन इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट करते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि यह तो सिर्फ आइसोलेशन वार्ड की बात है बाकी आप और अस्पताल के बीच की बात है जो निश्चित करोगे वैसे ही होगा। 

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क्या है दोनों आदेशों में फर्क
16 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल की ओर से निजी क्षेत्र के मैडीकल कॉलेजों, अस्पतालों, नॄसग होम्ज या क्लीनिकों को कोरोना इलाज के लिए शुल्क निर्धारित किया गया था। इसके अनुसार ऐसे सभी निजी मैडीकल कॉलेजों या संस्थानों में जहां शैक्षणिक कार्य होता है, में कोरोना मरीज के आइसोलेशन बैड के पी.पी.ई. किट को मिलाकर प्रतिदिन के अनुसार 10 हजार, आई.सी.यू. वार्ड में बिना वैंटीलेटर सुविधा के 15 हजार तथा आई.सी.यू. में वैंटीलेटर की सुविधा के साथ अधिकतम 18 हजार प्रतिदिन वसूल किए जा सकते हैं। यह दरें एन.ए.बी.एच. से मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए भी तय की गई थी।
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लेकिन अगले ही दिन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक की ओर से स्पष्टीकरण आ गया कि यह दरें तो सिर्फ पंजाब के निवासियों के लिए आइसोलेशन वार्ड के लिए ही लागू होंगी। इसमें आई.सी.यू. का कोई जिक्र नहीं। साथ ही कहा गया कि अगर कोई मरीज स्वास्थ्य बीमा का इस इलाज के लिए लाभ उठाना चाहता है तो फिर यह दरें मरीज, अस्पताल प्रबंधन व बीमा कंपनी के बीच तय दरों के अनुसार ही लागू होंगी। स्पष्टीकरण में आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के संबंध में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया। इस बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आप इस संबंध में एडीशनल चीफ सैके्रटरी अनुराग अग्रवाल या चीफ सैके्रटरी विन्नी महाजन से बात करें, मैं भी असलियत का पता लगाता हूं।

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ऐसा कुछ नहीं है, स्पष्टीकरण सिर्फ स्पैशल रूम्स के लिए है। आई.सी.यू. के लिए वैंटीलेटर या इसके बिना सुविधा के लिए तय दरें लागू रहेंगी। हां आयुष्मान भारत के तहत अपने-अपने इम्पैनल्ड अस्पतालों को पी.पी.ई. किट्स नि:शुल्क व कोरोना टैस्ट की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाने की बात कही है, जिसके तहत यह अस्पताल मरीज का विभिन्न पैकेज के तहत नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित कर सकते हैं।    
—अनुराग अग्रवाल, 
अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग।

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