Edited By Vatika,Updated: 13 Apr, 2018 05:27 PM
रोडरेज मामले में पंजाब सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए बयान से स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज खुलकर अपनी बात रखी। सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ कहा है, वह क्यों कहा है, इसके बारे में वह नहीं जानते। इसका...
नर्इ दिल्लीः रोडरेज मामले में पंजाब सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए बयान से स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज खुलकर अपनी बात रखी। सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ कहा है, वह क्यों कहा है, इसके बारे में वह नहीं जानते। इसका जवाब या तो CM दे सकते हैं या फिर एडवोकेट जनरल। सिद्धू ने कहा कि उनके साथ जो कुछ हुआ है और आने वाले वक्त में जो कुछ भी होगा उसका बोझ वह खुद अपने कंधों पर उठाएंगे।
देश की सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा
सिद्धू ने कहा कि यह कोर्ट के अधीन मामला है इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, मैं सरकार से खफा हूं नाराज हूं या गुस्से में हूं वो जो कुछ मेरे अंदर है उसका बोझ मेरे कंधों पर ही रहेगा और मुझे इस से ज्यादा कुछ नहीं बोलना। यह 30 साल पुराना मामला है और इसे अंजाम तक पहुंचने में समय लग सकता है। सिद्धू ने कहा कि उन्हें देश की सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है। वहीं आम आदमी पार्टी और अकाली दल की तरफ से इस्तीफ़ा मांगने के सवाल पर सिद्धू ने कहा कि विरोधी पक्ष की हालत बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसी हो गई है।
2006 में मिली थी 3 साल की सजा
वर्ष 1988 के रोडरेज के एक मामले में साल 2006 में उच्च न्यायालय से सिद्धू को तीन साल की सजा मिली थी। इसके खिलाफ सिद्धू ने शीर्ष अदालत में अपील की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने सजा बरकरार रखने की सलाह दी। इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। उधर, पीड़ित पक्ष गुरनाम सिंह के परिवार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करके कहा है कि सिद्धू को मिली तीन साल की सजा काफी नहीं है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए।