Edited By swetha,Updated: 25 May, 2019 03:26 PM
विवादित बयानों के कारण सुर्खियो में रहने वाले कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का जादू लोकसभा चुनावों में नहीं चल सका है।
चंडीगढ़ःविवादित बयानों के कारण सुर्खियो में रहने वाले कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का जादू लोकसभा चुनावों में नहीं चल सका है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कम मिली सीटों का कारण सिद्धू के विवादित बयानों को माना जा रहा है। पिछले वर्ष 3 राज्यों के विधानसभा चुनावों में करिश्मा दिखाने वाले सिद्धू का स्ट्राइक रेट लोकसभा चुनाव में 80 से कम होकर 10 फीसदी रह गया है। लोकसभा चुनाव में सिद्धू ने देश की 60 निर्वाचन क्षेत्रों में 64 रैलियों को संबोधित किया था। इससे माना जा रहा था कि कांग्रेस की जीत पक्की है। पर नतीजा आखिरकार कुछ और ही निकला।
राजस्थान,मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सिद्धू की कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी से नजदीकियां बढ़ गई थी। सिद्धू की भाषण कला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी बेहतर माना जा रहा था। पर लोकसभा चुनाव में सिद्धू को अपने गृह राज्य पंजाब में भी पटखनी खानी पड़ी थी। पहले पंजाब में गला खराब होने का बहाना कर चुनाव प्रचार से दूर रहने की बात कहने वाले सिद्धू बाद में बठिंडा तथा गुरदासपुर में प्रचार करने के लिए पहुंच गए थे। पर इन दोनों सीटों पर पार्टी की हार हुई ।
उनके बठिंडा के कांग्रेसी उम्मीदवार राजा अमरेंद्र सिंह वंडिग के चुनाव प्रचार में कैप्टन तथा बादलों में फ्रैंडली मैच के दिए बयान ने कांग्रेस खेमें में हलचल मैच दी थी। इसलिए वडिंग के हारने के लिए सिद्धू को जिम्मेदार माना जा रहा है। कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने इस पर कहा कि सिद्धू के बयान ने युवाओं को दुविधा में डाल दिया था। इसी कारण वडिंग की हार हुई है। विवादित बयान देने के कारण ही सिद्धू के चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग ने 72 घंटों के लिए रोक लगा दी थी।