Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 02:17 PM
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव एवं पूर्व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डा. नवजोत कौर सिद्धू पर अपने कथित पी.ए. गिरीश शर्मा के साथ मिल कर फर्जी कंपनी खड़ी करके लाखों की राशि...
अमृतसर (महेन्द्र/ममता): प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव एवं पूर्व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डा. नवजोत कौर सिद्धू पर अपने कथित पी.ए. गिरीश शर्मा के साथ मिल कर फर्जी कंपनी खड़ी करके लाखों की राशि हड़प करने के आरोप तथा मन्ना की भूमिका पर लगाए जा रहे क्रॉस आरोपों के चलते मन्ना तथा पार्षद पति गिरीश शर्मा के बीच तल्खी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। गत दिवस मैडम सिद्धू तथा उनके कथित पी.ए. गिरीश शर्मा की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया के पश्चात मन्ना ने सोमवार को गिरीश शर्मा को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए जांच का सामना करने तथा सबूत पेश करने की चुनौती दी है, वहीं गिरीश शर्मा ने मन्ना को क्रास चुनौती देते कहा कि सबसे पहले मन्ना यह बताएं कि वह हैं कौन? जो उन्हें वह अपनी सफाई पेश करें।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस मन्ना ने मैडम सिद्धू पर अपनी कथित पी.ऐ. गिरीश शर्मा के साथ मिल कर फर्जी कंपनी खड़ी करके 30.57 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया था, जबकि मैडम सिद्धू तथा उनके आफिस की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इन आरोपों में जरा भी दम नहीं है। उनका कहना था कि गिरीश शर्मा पी.ए. की हैसीयत से नहीं, बल्कि उस दौरान भाजपा का कार्यकत्र्ता होने के नाते उनके आफिस आता था, जो बाद में उनके साथ ही कांग्रेस में शामिल हो गया था। मैडम सिद्धू तथा उनके आफिस की तरफ से कहा गया था कि गिरीश शर्मा हो या कोई अन्य, क्या किसी को अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए कोई काम-काज करने का अधिकार नहीं है। वैसे भी यह सवाल ही पैदा नहीं होता कि नगर सुधार ट्रस्ट कार्यालय द्वारा किसी फर्जी कंपनी के नाम पर कोई ई-टैंडरिंग के जरिए कोई कांट्रैक्ट अलॉट हो जाए और फर्जी कंपनी को भुगतान भी गलत तरीके से हो जाए।
मन्ना ने उठाया सवाल अखबारों व होर्डिंग-पोस्टर में कैसे प्रकाशित होती रही पी.ए. की पदवी
मन्ना ने सोमवार को सवाल खड़ा करते कहा कि अगर गिरीश शर्मा मैडम सिद्धू के पी.ए. की हैसीयत से नहीं, बल्कि भाजपा के कार्यकत्र्ता की हैसीयत से ही उनके आफिस में आते थे तो फिर मैडम सिद्धू के कार्यकाल के दौरान विभिन्न अखबारों में तथा शहर में लगते रहे होॄडग्स व पोस्टरों में गिरीश शर्मा काी पदवी पी.ए. के तौर पर क्यों प्रकाशित होती रही थी? ऐसा करने पर मैडम सिद्धू तथा उनके ऑफिस ने रोका क्यों नहीं था? उन्होंने कहा कि गिरीश शर्मा की जी. एंड जी. कंपनी की नगर सुधार ट्रस्ट कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करने में जितनी जल्दी दिखाई गई व बिना किसी अनुभव के टैंडर अलॉट किए जाते रहे, ये सब अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है। इसके बावजूद अगर गिरीश शर्मा खुद को निर्दोष बताते हुए लगाए गए आरोपों को निराधार मानते हैं, तो वह अपनी बेगुनाही को साबित करने के लिए जांच का सामना करें तथा मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के सम्मुख पेश होकर सारे सबूत पेश करें।
मन्ना पहले यह बताएं कि वह हैं कौन सबूत मांगने वाले : गिरीश शर्मा
दूसरी तरफ पार्षद पति गिरीश शर्मा ने मन्ना पर पलटवार करते कहा कि सबसे पहले मन्ना यह बताएं कि वह उससे सबूत मांगने वाले हैं कौन? वैसे उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी पुडा में नहीं, बल्कि स्थानीय नगर सुधार ट्रस्ट कार्यालय में रजिस्टर्ड है जिसकी रजिस्ट्रेशन के लिए सारी कानूनी एवं विभागीय प्रक्रिया पूरी की गई थी। कंपनी के नाम पर जिस किसी टैंडर के आधार पर कोई काम किया गया था, वह सब कुछ कानून के दायरे में रह कर ही होता रहा है और हर प्रकार का भुगतान भी कानून के दायरे में ही हुआ है। इसमें कोई भी फर्जी काम या फर्जी भुगतान नहीं हुआ था। हर प्रकार के काम तथा हर प्रकार के लेन-देन संबंधी एक-एक पाई का पूरा हिसाब ऑन-रिकार्ड उनके पास मौजूद है।
उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मन्ना आज कांग्रेस पार्टी से बाहर हैं, लेकिन वह आज भी अपने नाम से पहले कांग्रेस पार्टी का नाम इस्तेमाल करते हुए पूर्व सचिव एवं पूर्व प्रवक्ता लिख कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष पहले रजिस्टर्ड हुई उनकी कंपनी का नाम मन्ना जिस प्रकार गलत तरीके से उछाल रहे हैं, लगता है कि उसके पीछे मन्ना की मंशा कुछ और ही है।