नेशनल कराटे चैंपियन आर्थिक तंगी के कारण हारती जा रही है जिंदगी की जंग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 02:39 AM

national karate champion is losing its life due to financial constraints

लुधियाना शहर की रहने वाली 18 साल की प्रियंका जो कि कराटे और ताइकवांडो खेल की गोल्ड मैडिलिस्ट है, आज वह ब्लड कैंसर के साथ लड़ रही है। उसकी मां प्रभवती देवी के पास इतने रुपए नहीं हैं कि वह अपनी बेटी का इलाज करवा सके। डाक्टरों का कहना है कि उसके इलाज...

लुधियाना: लुधियाना शहर की रहने वाली 18 साल की प्रियंका जोकि कराटे और ताइक्वांडो खेल की गोल्ड मेडिलिस्ट है, आज वह ब्लड कैंसर के साथ लड़ रही है। उसकी मां प्रभवती देवी के पास इतने रुपए नहीं हैं कि वह अपनी बेटी का इलाज करवा सके।

डाक्टरों का कहना है कि उसके इलाज के लिए करीब 20 से 25 लाख रुपए का खर्च आएगा। प्रियंका अपनी, सात बहनों में से दूसरी बड़ी बहन है। उसकी मां एक फैक्ट्री में काम करती है और सिर्फ 5000 हजार रुपए प्रति महीना कमाती है। जिसके साथ उनके घर का गुजारा काफी मुश्किल के साथ चलता है। उसका पिता एक शराबी है और एक भी पैसा घर के खर्च के लिए नहीं देता है। उसकी महीनो की दवा का खर्च करीब 25 हजार रुपए है। अपनी घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए प्रियंका अपनी मां को उसका इलाज न करवाने के लिए कहती है। पंजाब की रहने वाली और खेल में अपने देश के लिए 12 बार गोल्ड मेडल जीतने वाली इस बेटी के लिए अभी तक मदद के लिए कोई आगे नहीं आया है। 

प्रियंका का परिवार लुधियाना के न्यू शक्ति नगर में इंद्रा पब्लिक स्कूल के कैंपस की तरफ से दिए गए एक कमरे में रहता है। यह चैरिटेबल स्कूल गरीब बच्चों के लिए चलाया जाता है और लड़कियों को आत्म रक्षा लिए मार्शल आर्ट की प्रशिक्षण भी देता है। यह वही जगह है जहां से प्रियंका की मार्शल आर्ट की प्रशिक्षण शुरू हुई थी। प्रियंका साल 2012 से 2016 तक कराटे और ताइक्वांडो खेल में 12 गोल्ड मेडल जीत चुकी है जिनमें 4 नेशनल गोल्ड मेडल शामिल हैं। 

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