Edited By swetha,Updated: 02 May, 2019 01:22 PM
चुनाव आयोग द्वारा आनंदपुर साहिब के जिस उम्मीदवार नरिन्द्र शेरगिल का नामांकन रद्द किया गया है वह पहले ‘आप’ के शिअद टकसाली के साथ चुनावी समझौता न होने की वजह बन चुके हैं।
लुधियाना (हितेश): चुनाव आयोग द्वारा आनंदपुर साहिब के जिस उम्मीदवार नरिन्द्र शेरगिल का नामांकन रद्द किया गया है वह पहले ‘आप’ के शिअद टकसाली के साथ चुनावी समझौता न होने की वजह बन चुके हैं। यहां बताना उचित होगा कि आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान ने यह कहकर लोकसभा चुनाव के दौरान डैमोक्रेटिक अलाइंस के साथ समझौता करने से इंकार कर दिया था कि उनकी टीम में सुखपाल खैहरा के शामिल होने की सूरत में गठजोड़ संभव नहीं है।
बाद में खैहरा के डैमोक्रेटिक अलाइंस व अकाली दल टकसाली द्वारा गठजोड़ करने की कवायद की गई लेकिन वह भी सिरे नहीं चढ़ी, क्योंकि शिअद टकसाली द्वारा बीर दविन्द्र सिंह को पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था और डैमोक्रेटिक अलाइंस में शामिल बसपा द्वारा इस सीट पर दावेदारी नहीं छोड़ी गई। इसी तरह ‘आप’ व शिअद टकसाली के साथ समझौता करने के लिए काफी जोर-आजमाइश की गई लेकिन ‘आप’ ने नरिन्द्र शेरगिल की उम्मीदवारी वापस न लेने का फैसला किया। अब चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के दौरान खर्च का हिसाब न देने के आरोप में अयोग्य करार देने का हवाला देते हुए नरिन्द्र शेरगिल का नामांकन रद्द कर दिया है, जिसके खिलाफ नरिन्द्र शेरगिल द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर 2 मई को सुनवाई होगी।
‘आप’ को फतेहगढ़ साहिब से बदलने पड़े हैं 3 उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर ‘आप’ की फजीहत कोई नई नहीं है, क्योंकि इससे पहले फतेहगढ़ साहिब से 3 उम्मीदवार बदलने पड़े हैं। इसके तहत पहले बलविन्द्र सिंह चोंदआ को उम्मीदवार बनाया गया था। इसके बाद ‘आप’ ने शमशेर सिंह दूलो की पत्नी हरबंस कौर को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। मगर उन्होंने पेपर नहीं फाइल किए तो एन-वक्त पर उनके बेटे को उम्मीदवार बनाया गया है।