Edited By Updated: 23 Jan, 2017 09:16 AM
नकोदर नगर कौंसिल के अंदर अर्बन मिशन और संगत दर्शन के करोड़ों रुपए की धांधली और दुरुपयोग की जांच होगी। इसके लिए पी.एम.ओ. की तरफ
जालंधर (अमित): नकोदर नगर कौंसिल के अंदर अर्बन मिशन और संगत दर्शन के करोड़ों रुपए की धांधली और दुरुपयोग की जांच होगी। इसके लिए पी.एम.ओ. की तरफ से एक पत्र लिखकर चीफ सैक्रेटरी पंजाब को आदेश जारी किए गए हैं। समाज सेवक और पर्यावरण प्रेमी गौरव जैन ने बताया कि उन्होंने कई बार इसके बारे में चीफ सैक्रेटरी पंजाब, प्रिंसीपल सैक्रेटरी टू सी.एम., सैक्रेटरी लोकल बॉडीज, डी.सी. आदि को पत्र लिखकर नगर कौंसिल नकोदर में अधिकारियों की मिलीभगत से संगत दर्शन के लिए प्राप्त करोड़ों रुपए का दुरुपयोग किए जाने संबंधी शिकायतें भेजी थी, मगर आज तक इस संबंधी कोई कारवाई नहीं की गई थी, जिसकी वजह से उन्होंने मजबूरन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इसकी सी.बी.आई. से जांच करवाने का निवेदन किया था, जिसके जवाब में उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें चीफ सैक्रेटरी पंजाब को इस विषय में बनती कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
गौरव ने कहा कि सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि सबूत सहित शिकायत देने के बावजूद किसी भी विभाग ने आज तक कोई कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। इतना ही नहीं सत्तापक्ष के लोगों द्वारा और नगर कौंसिल नकोदर के प्रधान द्वारा भी घटिया मैटीरियल के इस्तेमाल को लेकर खुलेआम मीडिया के सामने रखा जा चुका है, मगर न जाने किस कारणवश आज तक किसी भी विभाग ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि ठेकेदार द्वारा किए जा रहे घटिया काम की पोल उस समय खुल गई थी जब कुछ समय पहले उसकी खुद की ट्राली, जिसमें टाइलें भरी हुई थी, उसके द्वारा बनाई जा रही टाइलों वाली सड़क में बुरी तरह से धंस गई थी और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया था। गौरव ने बताया कि उनकी शिकायत के पश्चात नगर कौंसिल प्रधान ने जब खुद मौके पर जाकर जांच की तो पाया था कि जो टाइलें ठेकेदार द्वारा लगाई जा रही हैं वह बेहद घटिया क्वालिटी की हैं और लगभग 50-60 हजार टाइलों को बदलवाने के लिए उन्होंने ई.ओ. नकोदर को एक हफ्ते का समय देते हुए 16 सितम्बर, 2016 को एक पत्र जारी किया था। साथ ही ऐसा न करने की सूरत में ठेकेदार के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करने के लिए भी कहा गया था। मगर अधिकारियों के सुस्त रवैये के कारण उन्होंने प्रधान के आदेश नहीं माने और सरेआम धज्जियां उड़ाते हुए ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।