Edited By Des raj,Updated: 18 Aug, 2018 12:04 AM
बीती आधी रात को नाभा का सिविल अस्पताल जंग का मैदान बन गया, जिस दौरान गुंडागर्दी के हुए नंगे नाच ने अस्पताल प्रशासन, मरीजों और उनके रिश्तेदारों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया।
नाभा (भुपिंदर, जैन, जगनार): बीती आधी रात को नाभा का सिविल अस्पताल जंग का मैदान बन गया, जिस दौरान गुंडागर्दी के हुए नंगे नाच ने अस्पताल प्रशासन, मरीजों और उनके रिश्तेदारों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया।
जानकारी अनुसार पास के लद्धाहेड़ी और साधोहेड़ी गांवों के 2 गुटों के बीच पहले गांव में ही मारपीट हुई। इस लड़ाई में घायल हुए पहले पक्ष के लोग जब अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद लगभग 20-25 नौजवानों ने घातक हथियारों से उन पर फिर जानलेवा हमला कर दिया और पहले पक्ष की अमानवीय तरीके से मारपीट की। बताया जाता है कि एमरजैंसी वार्ड के बाहर चल रही इस लड़ाई से दूर रहते हुए अस्पताल का स्टाफ अंदर ही बंद रहा। लड़ाई से निपटने के बाद दोनों गुटों के कुल 6 व्यक्ति घायल हो कर अस्पताल में ही दाखिल हो गए जिन की पहचान गुरकिरपाल सिंह, जगदेव सिंह, यादविंदर सिंह, गुरजीत सिंह और सुखवंत सिंह के रूप में हुई है। इनमें से गुरकिरपाल और यादविंदर नाम के 2 व्यक्तियों की गंभीर दशा के कारण उनको राजिन्द्रा अस्पताल पटियाला रैफर कर दिया गया।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला करने के आरोप लगाए, जबकि पुलिस घटना से घंटों बाद भी घायलों के बयान दर्ज नहीं कर सकी थी। वर्णनीय है कि उपरोक्त घटना पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी सिविल अस्पताल नाभा जंग का मैदान बन चुका है परंतु स्थानीय प्रशासन अस्पताल की सुरक्षा संबंधी हाथ पर हाथ धरे बैठा नजर आ रहा है और किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।