Edited By Vatika,Updated: 19 Jun, 2018 07:34 PM
जिला खन्ना के पायल हलके की रहने वाली एक मुस्लिम लड़की ने लोगों की सोच को बदल दिया है और साबित कर दिखाया है कि मुस्लिम समाज गौवंश का दुश्मन नहीं है। इस मुस्लिम लड़की का काम जान आप भी इसे सलाम करेंगे। एम. ए. पॉलिटिकल सांइस तक पढ़ी 33वर्षीय सलमा ने अपने...
पायल: जिला खन्ना के पायल हलके की रहने वाली एक मुस्लिम लड़की ने लोगों की सोच को बदल दिया है और साबित कर दिखाया है कि मुस्लिम समाज गौवंश का दुश्मन नहीं है। इस मुस्लिम लड़की का काम जान आप भी इसे सलाम करेंगे। एम. ए. पॉलिटिकल सांइस तक पढ़ी 33वर्षीय सलमा ने अपने दम पर घर में ही 'मुस्लिम गौशाला' खोली हुई है।
यह कोई आम गौशाला नहीं है बल्कि इसमें बुज़ुर्ग, सड़कों पर हादसों का शिकार और लोगों की तरफ से छोड़ी गई गाय और बैलों को रखा गया है। सलमा की तरफ से बनाई हुई इस गौशाला में 33 गाय और बैल हैं, जिनकी सेवा सलमा अपने पिता और बुआ की पैनशन के साथ ही कर रही है और उसे किसी व्यक्ति, संस्था या विभाग का कोई सहयोग नहीं मिलता। सलमा के पिता हैल्थ इंस्पेक्टर हैं और बुआ जे.बी.टी. टीचर रह चुकी है। सलमा का कहना है कि उसने इस गौशाला की शुरुआत साल 2007 में उस समय की थी, जब वह एक ज़ख़्मी हुए बैल को अपने घर ले आई और उसका इलाज किया। इसके बाद बैल उनके घर ही रहने लग पड़ा, जिसका नाम सलमा ने नंदी रखा। बैल के साथ उसका काफ़ी लगाव हो गया। इसके बाद सलमा इसी काम की तरफ लग गई और उसकी तरफ से शुरू की गई यह छोटी सी गौशाला 'मुस्लिम गौशाला' में बदल गई।
सलमा मुताबिक इस कारण उसे विवाह करने में भी काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। सलमा कहती है कि जो भी रिश्ता आता है, लड़के वालों की यही मांग होती है कि वह गौशाला को छोड़ दे लेकिन सलमा मुताबिक यह उनके परिवार का अटूट अंग हैं और उनके लिए वह जान भी दे सकती है लेकिन उनको छोड़ नहीं सकती। पायल से विधायक लखबीर सिंह लक्खा ने सलमा के इस काम की तारीफ़ करते हुए कहा कि देश में शायद ही कोई गौशाला होगी, जिसकी देखभाल कोई मुस्लिम परिवार कर रहा हो। उन्होंने इस परिवार की मदद के लिए सरकारों के साथ बात करने का भी आश्वासन दिया है।