KMV कालेज की प्रिंसीपल समेत 4 लोगों का हत्यारा बिहार की जेल में था बंद

Edited By Anjna,Updated: 01 Mar, 2019 08:51 AM

murder case

के.एम.वी. कालेज की प्रिंसीपल रीटा बावा समेत 4 लोगों (1 रसोइए व 2 चौकीदारों) की निर्मम हत्या करने के केस में वांटेड आरोपी मनोज यादव को जालंधर पुलिस बिहार से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है।

जालंधर: के.एम.वी. कालेज की प्रिंसीपल रीटा बावा समेत 4 लोगों (1 रसोइए व 2 चौकीदारों) की निर्मम हत्या करने के केस में वांटेड आरोपी मनोज यादव को जालंधर पुलिस बिहार से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। मनोज यादव को बिहार पुलिस ने शराब तस्करी के केस में अरैस्ट किया था। जालंधर लाने के बाद थाना 4 की पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे 2 दिन के रिमांड पर लिया। जनवरी, 2008 में रीटा बावा समेत 4 लोगों की हत्या के केस में अब तक 8 में से 5 आरोपी अरैस्ट हो चुके हैं। हाईप्रोफाइल हत्याकांड में सचिन यादव, राज कुमार राजू व गणेश नामक आरोपी अभी भी फरार हैं जिन्हें भगौड़ा भी घोषित किया जा चुका है।

थाना 8 के प्रभारी परमवीर सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि मनोज यादव पुत्र जगदीश राम निवासी बिहार को बिहार पुलिस ने शराब तस्करी के केस में पकड़ा हुआ है जो अभी जेल में ही है। पुलिस आरोपी मनोज की गिरफ्तारी के लिए उसे बिहार से प्रोडक्शन वारंट पर लाई और वीरवार को अदालत में पेश करने के बाद उसे 2 दिन के रिमांड पर लिया गया। मनोज को भी अदालत ने भगौड़ा घोषित किया हुआ था। पुलिस का कहना है कि विजय से पूछताछ की जा रही है कि इस हत्याकांड में उसकी क्या भूमिका थी। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

बिहार से मिले थे आरोपियों के लिंक
इस केस में लुधियाना पुलिस को बिहार में ङ्क्षलक मिले थे जिस पर काम करने के बाद आरोपी पुलिस के हाथ चढ़े। दरअसल लुधियाना में हुई एक डकैती के केस में लुधियाना पुलिस के इंस्पैक्टर गुरबंस सिंह बिहार के मुरलीगंज इलाके में गए थे। वहां एक दुकान से पता लगा कि कुछ लोग उनकी दुकान पर आकर जालंधर में  प्रिंसीपल की हत्या करने और न पकड़े जाने की बात कर रहे थे। वह अन्य वारदात को अंजाम देने की भी बात कर रहे थे। इंस्पैक्टर गुरबंस सिंह ने लुधियाना पुलिस के अधिकारियों को सूचना दी जिसके बाद इस मर्डर केस से पर्दा उठ सका था। आरोपियों को माननीय अदालत सजा भी सुना चुकी है। हत्या लूट के इरादे से की गई थी।

तेजधार हथियारों से की गई थी हत्या
रीटा बावा हत्याकांड से जालंधर शहर सहम गया था। जिस तरीके से  रीटा बावा, उनके रसोइए व 2 चौकीदारों की हत्या की गई थी वह काफी भयानक था। तेजधार हथियारों से चारों लोगों को बुरी तरह से काटा गया था। पुलिस ने हत्या के लिए इस्तेमाल किए तेजधार हथियार भी बरामद किए थे। 

नौकरी छोड़ चुके 2 चौकीदारों ने बनाई थी रीटा बावा को लूटने की साजिश, मौजूदा चौकीदार ने की थी रेकी
के.एम.वी. कालेज की प्रिं. रीटा बावा को लूटने की साजिश के.एम.वी. के ही 2 पूर्व चौकीदारों ने रची थी। दोनों चौकीदार 2007 में नौकरी छोड़ चुके थे, लेकिन उन्हें यह पता था कि रीटा बावा के पास काफी गहने व कैश है। बिहार जाकर रची गई इस साजिश में 2 पूर्व चौकीदारों ने कालेज के मौजूदा चौकीदार रमन को अपने साथ मिला लिया।  तय हुआ कि फरवरी 2008 को शनिवार की रात वारदात करेंगे। अगले दिन रविवार होगा और आसानी से वे बिहार रवाना भी जाएंगे। वारदात के लिए कालेज के मौजूदा चौकीदार रमन को साथ मिलाया और रेकी के लिए पिं्रसीपल की रैजीडैंट में छोड़ दिया गया। नौकरी छोड़ चुके चौकीदार सचिन यादव व राम कुमार रामू अपने साथ बिहार से 4 लोग लेकर आए थे। उन्होंने जालंधर आकर प्रिं. रीटा बावा के चौकीदार रमन से मीटिंग की।

रमन ने कहा कि रात में वह सभी की एंट्री करवा देगा। रात होते ही हमलावरों को रमन ने प्रिंसीपल के रैजीडैंस में एंट्री दिलाई, लेकिन वहां पर अन्य चौकीदार तरसेम व उसके साथी ने पूर्व चौकीदार सचिन व राजू को पहचान लिया।  फंसने के डर से लूटने आए इन लोगों ने तरसेम व दूसरे चौकीदार की हत्या कर दी। रमन को पता था कि प्रिंसीपल के रैजीडैंस में एंट्री के लिए रसोइए किशोर मंडल के पास चाबी होती है। ये लोग किशोर के पास गए और उससे चाबी मांगी। चाबी न देने पर किशोर की भी हत्या कर दी गई। किशोर की जेब से चाबी निकालने के बाद जैसे ही रीटा बावा के रूम में एंट्री ली गई तो रीटा बावा ने अपने चौकीदार रमन को पहचान लिया और उसके बाद इन लोगों ने रीटा बावा की भी हत्या कर दी। रीटा बावा की हत्या के बाद हमलावरों को जहां-जहां से कैश व गहने मिले, वे समेट कर वहां से फरार हो गए और बिहार जाकर सारा सामान आपस में बांट लिया।

डी.जी.पी. ने सौंपी थी लुधियाना पुलिस को जांच
रीटा बावा हत्या कांड में जालंधर पुलिस की एस.आई.टी. भी बनी लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। बिहार गए लुधियाना पुलिस के इंस्पै. गुरबंस सिंह को इस केस के इनपुट मिले तो उन्होंने लुधियाना के  उस समय के एस.एस.पी. को सारी जानकारी दी। डी.जी.पी. से बात की तो जांच लुधियाना पुलिस को सौंप दी। लुधियाना पुलिस ने भी एस.आई.टी. बना कर मोहम्मद कुदेश, रहमान निवासी बिहार को बिहार से गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों से लीड मिलने के बाद कुल 8 लोगों को नामजद किया गया।

सभी को एक ही तरीके से मारा
खास बात यह थी कि इन लोगों ने चारों हत्याएं एक तरीके से ही कीं। हत्यारों ने रीटा बावा से लेकर उसके रसोइए व चौकीदार के गलों पर वार किया। उनके पूरे गले तो नहीं काटे गए लेकिन सांस लेने वाली नस को जरूर काट दिया था। 

मनोज से यह होगी पूछताछ
पुलिस की मानें तो अब मनोज से यह पूछताछ होगी कि लूटे हुए सोने व कैश में से उसके हिस्से क्या आया था? हत्या में इस्तेमाल किए हथियार कहां से लाए व कहां छुपाए? इसके अलावा उसके अन्य फरार साथियों के बारे भी पूछा जाएगा। रिमांड पर लिए मनोज से थाना-8 के इंस्पै. भगवंत भुल्लर पूछताछ कर रहे हैं। इंस्पै. भुल्लर ही आरोपी मनोज को बिहार से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आए हैं। 

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