Edited By Vatika,Updated: 10 Jul, 2018 04:46 PM
मेरी 3 वर्ष की बेटी माही और 6 माह के बेटे आर्यन ने लुटेरों का क्या बिगाड़ा था, जिन्होंने मेरी पत्नी व मासूम बच्चों की मां संगीता को हथियारों से काट डाला है। मैं बच्चों को सबकुछ दे सकता हूं पर उनकी मां कहां से लाऊं? उक्त बातें नम आंखों के साथ सुधीर...
मुल्लांपुर दाखा (कालिया): मेरी 3 वर्ष की बेटी माही और 6 माह के बेटे आर्यन ने लुटेरों का क्या बिगाड़ा था, जिन्होंने मेरी पत्नी व मासूम बच्चों की मां संगीता को हथियारों से काट डाला है। मैं बच्चों को सबकुछ दे सकता हूं पर उनकी मां कहां से लाऊं? उक्त बातें नम आंखों के साथ सुधीर कुमार ने गांव हाजीपुर बिहार से वापस आकर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं।
सुधीर ने कहा कि मैं तो अभी तक पहले पुत्र कर्ण (2) का बिछौड़ा नहीं भूल पाया हूं, जो 3 वर्ष पहले पानी के ओलू में डूबकर मर गया था। उसने बताया कि रात करीब 2 बजे मुझे संगीता का आखिरी फोन आया। उसने मरते-मरते बस इतना ही कहा कि घर में चोर आ गए हैं और मैंने सरपंच सतपाल सिंह व गुर्जर शम्भू को चोरी की सूचना दे दी है। शम्भू चोरों को भगाने आया लेकिन हथियारबंद लुटेरों को देखकर उसे भी भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।मामले की जांच कर रहे एस.पी. (डी.) रूपिन्द्र भारद्वाज ने बताया कि घटना वाली रात को सुधीर की भतीजी सिमरन भी चाची के पास आई हुई थी।
सिमरन ने सारा मंजर अपनी आंखों से देखा और उसने बताया कि लुटेरों ने संगीता को मारने के बाद उसकी पैरों में पहनी चांदी की पायजेब, सोने की बालियां व मोबाइल फोन लूट कर फरार हो गए, जबकि उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। मगर नकाबपोश लुटेरों ने पहले विनोद कुमार को काटा और फिर कमरे के दाखिल होकर संगीता व दादी रामकली को हथियारों से काटकर जख्मी कर दिया। थाना मुखी बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करके वारिसों के हवाले कर दिया गया है, जिसका पारिवारिक सदस्यों ने संस्कार कर दिया है।