एन.जी.टी. की सख्ती के बाद हरकत में नगर निगम प्रशासन, कमिश्नर ने किया यह दावा

Edited By Kalash,Updated: 28 Jul, 2022 10:25 AM

municipal administration in action after ngt strictness

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) द्वारा नगर निगम को 100 करोड़ रुपए का जुर्माना

लुधियाना (हितेश): नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) द्वारा नगर निगम को 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की कार्रवाई भले ही आग लगने से 7 लोगों की मौत होने के मामले में की गई है लेकिन इसकी बड़ी वजह ताजपुर रोड स्थित डम्प पर सालों से जमा पुराने कूड़े की प्रोसेसिंग न होने को माना जा रहा है, क्योंकि 2011 में ए टू जैड कंपनी को काम देने के बावजूद पुराने कूड़े की प्रोसेसिंग करने की कोशिश नहीं की गई और अब ए टू जैड कंपनी द्वारा काम छोड़ने के बाद नए कूड़े की प्रोसेसिंग भी बंद होने की वजह से कूड़े की मात्रा में इजाफा हो रहा है जिसकी मात्रा 22 लाख मीट्रिक टन बताई जा रही है। इसमें से 5 लाख मीट्रिक टन कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के फंड में से वर्क ऑर्डर जारी किया गया है। अब एन.जी.टी. की सख्ती के बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में नजर आ रहा है और कमिश्नर शेना अग्रवाल ने पुराने कूड़े की प्रोसेसिंग का काम एक महीने में शुरू होने का दावा किया है।

आसपास रहने वाले लोगों को यह आ रही है परेशानी

डम्प पर जमा पुराने कूड़े की वजह से आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी आ रही है जिसमें पहले ग्राऊंड वाटर खराब होने की रिपोर्ट आ चुकी है। अब आए दिन कूड़े में आग लगने की घटना होने की वजह से पूरा एरिया गैस चैम्बर बन जाता है जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है।

नगर निगम को पहली बार नहीं हुआ है जुर्माना

यह पहली बार नहीं है कि नगर निगम को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले डैडलाइन के मुताबिक सालिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन न करने के आरोप में एन.जी.टी. की मॉनीटरिंग कमेटी की सिफारिश पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा नगर निगम पर करोड़ों रुपए का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है।

यह है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम

- गीले व सूखे कूड़े की छंटाई
- फल-सब्जियों की वेस्टेज से खाद का निर्माण
- कूड़े की डोर-टू-डोर कलेक्शन
- कंटेनर प्वाइंट से कूड़े की लिफ्टिंग
- कूड़े की प्रोसैसिंग
- सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक

कंपनी पर की गई मेहरबानी पड़ रही है भारी

जब ए टू जैड कंपनी द्वारा काम छोड़ा गया, उस समय कूड़े की लिफ्टिंग के साथ प्रोसेसिंग भी की गई थी लेकिन जिस कंपनी को अस्थायी तौर पर काम दिया गया, उसके द्वारा रेट बढ़ाने के बावजूद न तो कूड़े की लिफ्टिंग ठीक ढंग से की गई और न ही कूडे की प्रोसेसिंग की जा रही है जिसे लेकर कंपनी पर की गई अधिकारियों की मेहरबानी अब नगर निगम पर भारी पड़ रही है।

फ्लैश बैक

अप्रैल के दौरान डम्प के नजदीक स्थित झुग्गी में आग लगने की वजह से एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मौत हो गई थी जिसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा चीफ सैक्रेटरी से रिपोर्ट मांगने के अलावा मॉनीटरिंग कमेटी को साइट विजिट के लिए भेजा गया जिनकी रिपोर्ट के आधार पर ही नगर निगम को 100 करोड़ का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है जिसमें से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने के अलावा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन करने के लिए खर्च किया जाएगा।

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