मां का दूध नवजात को बचाता है निमोनिया और डायरिया के खतरे से

Edited By Mohit,Updated: 01 Aug, 2019 06:15 PM

mother s milk protects the newborn from the risk of pneumonia and diarrhea

मां के दूध के गुण तथा महत्ता के प्रति माताओं तथा गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने के लिए आज से सात अगस्त तक जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है।

चंडीगढ़ः मां के दूध के गुण तथा महत्ता के प्रति माताओं तथा गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने के लिए आज से सात अगस्त तक जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज राज्य स्तरीय समारोह में बताया कि मौजूदा समय में महिलाओं को मां के दूध के प्रति जागरूक करने की जरूरत है ताकि जानलेवा बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सके। 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार (2015-16) नवजात बच्चों को दूध पिलाने के मामले में दस सालों में पंजाब में केवल 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था जो निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले काफी कम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 27 जुलाई, 2017 को ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम' की शुरुआत की जिसके द्वारा स्टाफ नर्सों की तरफ से माताओं को दूध की महत्ता और अन्य जानकारी मुहैया करवाई जाती है। इस ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम' के लागू होने से मां-बच्चे के स्वास्थ्य सम्बन्धी दी जाने वाली जानकारी में 130 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मां के दूध सम्बन्धी और जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में हिदायतें जारी की गई हैं कि महिला की डिलीवरी ऑपरेशन से हुई हो तो भी नवजात बच्चे को एक घंटे के दौरान मां का दूध पिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि जन्म के एक घंटे के दौरान मां का दूध पीने से बच्चे में निमोनिया होने का खतरा 23 प्रतिशत कम हो जाता है जबकि मां का दूध न पिलाने के मामले में डायरिया होने का खतरा 3 गुणा बढ़ जाता है। मां के दूध का सेवन न करने से 6 महीने तक बच्चे की जान को खतरा बना रहता है। 

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