Edited By Vaneet,Updated: 04 Aug, 2018 07:52 PM
दिड़बा के गांव कमालपुर के गरीब दलित परिवार को नहीं पता था कि शुक्रवार और शनिवार के बीच की रात उनके परिवार पर ऐसा कहर गिराएगी कि सारी उम्र का दर्द दे जाएगी। ....
दिड़बा मंडी(अजय): दिड़बा के गांव कमालपुर के गरीब दलित परिवार को नहीं पता था कि शुक्रवार और शनिवार के बीच की रात उनके परिवार पर ऐसा कहर गिराएगी कि सारी उम्र का दर्द दे जाएगी। परिवार के चार मैंबर रोजाना की तरह घर के बरामदे मे मंजे पर सोए पड़े थे। मां व बेटी एक ही मंजे पर सोए पड़े थे, उक्त पारिवारिक मैंबर गहरी नींद में बेखबर सोए हुए थे कि अचानक आधी रात समय बरामदे की छत किसी पहाड़ की तरह सोए पड़े परिवार पर आ गिरी।
बरामदे की छत व मलबे ने परिवार को नीचे ही दबा लिया। नजदीक ही उसी घर मे बाहर सोई पड़ी घर की बुजुर्ग महिला सुरजीत कौर ने एकदम छत गिरने की आवाज सुन कर शोर डाला व पड़ोसियों ने आकर मलबे में दबे पारिवारिक सदस्यों को जदोजहद करके बाहर निकाला। परंतु इस घटना दौरान स्वर्णजीत कौर (45) पत्नी राज सिंह की मौके पर ही मौत हो गई और उसकी 15 वर्षीय लड़की चरनजीत कौर ने संगरूर अस्पताल में जाकर दम तोड़ दिया। घर का मालिक राज सिंह (40) पुत्र जागर सिंह और पुत्र अवतार सिंह (18) गंभीर रूप में घायल हो गए, जिनको सरकारी अस्पताल संगरूर में इलाज चल रहा था, परन्तु बाद में राज सिंह को राजिन्द्रा अस्पताल पटियाला के लिए रैफर कर दिया।
गांव के लोगों ने बताया कि उक्त परिवार अति गरीब है। राज सिंह दिहाड़ी वगैरह का काम करता है जबकि उसकी पत्नी लोगों के घरों में काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे परन्तु कुदरत की अचानक पड़ी इस मार ने जहां परिवार के दो सदस्यों को छीन लिया। वहीं आर्थिक तौर पर भी बुरी तरह झंझोड़ कर रख दिया है। उन्होंने सरकार व आम लोगों को परिवार की मदद करने की अपील की है। जब इस घटना सम्बन्धित दिड़बा के एस.डी.एम दीपक रहेला के साथ संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी घटना का पता चलते ही मौके पर पहुंच गए थे और मैं स्वयं भी अस्पताल में घायलों के पास था। परिवार को माली मदद दिलाने सम्बन्धित उन्होंने कहा कि मैं नायब तहसीलदार दिड़बा को रिपोर्ट बनाकर लाने के लिए कहा है। इसके बाद चीफ मनिस्टर रलीफ फंड में से जो मदद आएगी पीड़ित परिवार को दे दी जाएगी। थाना दिड़बा के ए.एस.आई.महेन्दरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने राज सिंह के बयानों के आधार पर 174 की कार्यवाही करके लाश का पोस्टमार्टम करवाने उपरांत लाश वारिसों को सौंप दी हैं।