Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 05:01 PM
सिविल अस्पताल नकोदर में डॉक्टरों की लापरवाही से प्रेग्नेंट महिला और उसकी नवजात बच्ची की मौत का मामला सामने आया है।
नकोदर : सिविल अस्पताल नकोदर में डॉक्टरों की लापरवाही से प्रेग्नेंट महिला और उसकी नवजात बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। अमित कुमार का कहना है कि उसके पहले बच्चे और पत्नी की मौत के लिए पूरी तरह सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और वहां का स्टाफ जिम्मेदार है।
अमित ने सीनियर मैडीकल अफसर को लिखित शिकायत में कहा कि प्रियंका (21) को लेबर पेन शुरू होने पर वह रविवार रात तीन बजे के करीब अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टरों ने कहा कि हालत गंभीर है और आप्रेशन करना पड़ेगा। इसके बाद सोमवार दोपहर एक बजे डॉक्टरों ने पत्नी की नॉर्मल डिलीवरी कर दी। डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने उसको बेटी सौंपते हुए कहा कि बच्ची रो नहीं रही। आप इसे सिविल अस्पताल जालंधर ले जाएं। जब वह बच्ची को लेकर जालंधर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने कहा कि बेटी मर चुकी है। दोपहर चार बजे नकोदर अस्पताल पहुंचा तो कुछ देर बाद प्रियंका की भी मौत हो गई। अमित की कंप्लेंट पर नकोदर के सीनियर मैडीकल ऑफिसर वरिंदर जगत ने तीन मैंबरी जांच बोर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि डॉ. सोनू पाल, डॉ. अंजू गुप्ता और डॉ. बलवीर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे। इलाज में लापरवाही पाए जाने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
नकोदर के मोहल्ला रहमानपुरा में रहने वाला अमित कुमार यादव मार्बल शॉप में काम करता है। उसने बताया कि लेडी डॉक्टर अवनीश गुप्ता ने स्टाफ के साथ पत्नी की डिलीवरी करवाई थी। जालंधर में डॉक्टरों द्वारा बच्ची को मृत घोषित करने पर वापस नकोदर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने कहा कि प्रियंका की हालत सीरियस है। तुरंत खून चढ़ाना पड़ेगा। हमने ब्लड का अरेंजमेंट किया पर कुछ देर बाद ही पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। उसने कहा कि पहली संतान और पत्नी की मौत की निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।