दिव्यांगों, विधवाओं और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए करोड़ों रुपए खर्च

Edited By Sunita sarangal,Updated: 15 Mar, 2020 12:04 PM

money spent for welfare of disabled widows and scheduled castes

3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के वित्तीय हालात बेहतर न होने के बावजूद सामाजिक सुरक्षा और जन कल्याण से संबंधित कई स्कीमें शुरू की हैं।

गुरदासपुर(हरमन): 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के वित्तीय हालात बेहतर न होने के बावजूद सामाजिक सुरक्षा और जन कल्याण से संबंधित कई स्कीमें शुरू की हैं। इसके चलते कैप्टन सरकार द्वारा 2017 में सत्ता संभालने के बाद पहले समाज कल्याण स्कीमों की पूरी तरह से जांच करवा कर योग्य लाभपात्रियों को इन स्कीमों के घेरे में लाया गया। इसके अलावा सरकार ने अंगहीनों, अनुसूचित जाति और पिछड़ी श्रेणियों सहित विभिन्न वर्गों की भलाई के लिए कई प्रयत्न किए हैं। यदि आंकड़े देखे जाएं तो राज्य सरकार द्वारा इन 3 सालों के दौरान बुजुर्गों, महिलाओं, अपंगों, आश्रित बच्चों के अलावा बेसहारा महिलाओं के कल्याण के लिए शुरू की योजनाओं पर करीब 4,982 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।

तेजाब पीड़ित महिलाओं के लिए 8 हजार रुपए महीना पैंशन
तेजाब पीड़ित महिलाओं को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने प्रत्येक महीने 8 हजार रुपए पैंशन देने का निर्णय भी किया है। सरकार के इस फैसले ने महिलाओं का आत्मविश्वास और सम्मान बढ़ाने का काम किया है। गौरतलब है कि जब तेजाब हमले से पीड़ित महिला और उसका परिवार बड़ी सामाजिक और मानसिक पीड़ा में से गुजर रहा होता है तो उस कठिन समय में उनकी आर्थिक मदद करने के लिए सरकार द्वारा किए गए इस फैसले का हर तरफ से स्वागत हुआ है। इसके साथ तेजाबी हमले करने वाले अनसरों के खिलाफ सख्ती के साथ पेश आने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदम भी लोगों द्वारा सराहे जा रहे हैं। 

दिव्यांग कर्मचारियों को बड़ी राहत
कैप्टन सरकार ने राज्य में अपंग सरकारी कर्मचारियों को राहत देने के लिए पंजाब सिविल सेवाओं के नियमों में तबदीली करके यह सुविधा देने की व्यवस्था की है कि यदि सरकार के किसी अपंग कर्मचारी को सरकारी टूर या प्रशिक्षण पर जाना पड़ता है तो केवल उसे यात्रा भत्ता देने की बजाय उसको साथ ले जाने वाले अटैंडैंट को भी यात्रा भत्ता दिया जाए। इससे पहले कई बार अपंग कर्मचारियों को इस समस्या का सामना करना पड़ता था कि उनको सरकारी दौरे या प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दूर-दूर जाने के मौकों पर अपने साथ किसी अटैंडैंट को अपने पास से खर्च करके ले जाना पड़ता था।

शहीदों के परिवारों के लिए मसीहा बनी सरकार
कैप्टन सरकार ने अपने इस कार्यकाल के दौरान जहां शहीदों के परिवारों को एक मसीहा बन कर कई सुविधाएं दी हैं उसके साथ ही कट्टरपंथियों के हाथों मारे जाने वाले सरकारी कर्मचारियों की विधवाओं के लिए स्पैशल फैमिली पैंशन शुरू करने का फैसला भी किया। इसके साथ ही सरकार ने आतंकवाद के दौरान शहीद हुए पंजाब पुलिस के कर्मचारियों के परिवारों को भी रैड कार्ड योजना के घेरे में लाकर राहत देने का फैसला किया। इससे राज्य के सैंकड़ों परिवारों को सरकार के इस फैसले से राहत मिली है।

पिछड़ी श्रेणियों की क्रीमी लेयर के लिए बढ़ाई आय सीमा
राज्य में लाखों की संख्या में मौजूद पिछड़ी श्रेणियों और ओ.बी.सी. वर्ग के लोगों की लंबे समय से लटकती आ रही मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इन वर्गों के लोगों को बनते लाभ देने के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख कर दी है। इससे राज्य के हजारों परिवार और उनके बच्चे सरकार द्वारा पिछड़ी श्रेणियों को दी जाने वाली सुविधाएं लेने के योग्य हो गए हैं जबकि इससे पहले क्रीमी लेयर की सीमा कम होने के कारण ये बच्चे इन सुविधाओं से वंचित रह जाते थे।

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