पंजाब का एक ऐसा गांव, जहां मोमबत्ती जलाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे

Edited By Anjna,Updated: 09 Apr, 2018 11:43 AM

moga news

एक तरफ जहां पंजाब सरकार द्वारा बिजली सरप्लस करके इसको अन्य देशों व राज्यों को बेचने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार के यह दावे जमीनी स्तर पर पूरी तरह से फेल साबित होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि मोगा जिले के गांव दोसांझ की बाबा जीवन...

मोगा(पवन ग्रोवर): एक तरफ जहां पंजाब सरकार द्वारा बिजली सरप्लस करके इसको अन्य देशों व राज्यों को बेचने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार के यह दावे जमीनी स्तर पर पूरी तरह से फेल साबित होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि मोगा जिले के गांव दोसांझ की बाबा जीवन सिंह बस्ती के लोग अभी भी बल्ब की रोशनी को तरस रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि मुफ्त बिजली की सहूलियत लेने वाले गरीब दलितों के घरों में छाए इस अंधेरे संबंधी पावरकॉम के अधिकारियों व राजसी नेताओं को सब कुछ पता होने के बावजूद दलितों की इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।PunjabKesari
इस संबंधी एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार जालंधर-मोगा नैशनल हाईवे मार्ग को चारमार्गीय करने वाले इस बस्ती के लोगों ने अपने पुराने घर छोड़कर 2 वर्ष पहले बाबा जीवन सिंह नई बस्ती बनाकर 25 से अधिक घर इस नई बस्ती में बना लिए थे। उस दिन से लेकर आज तक इस बस्ती के लोग घरों में बल्ब की रोशनी के लिए बिजली कनैक्शन लेने को पावरकॉम दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक इन घरों में बिजली की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। सितम की बात तो यह है कि इस बस्ती के विद्यार्थी बिजली न होने के कारण दीपक की रोशनी में पढ़ाई कर रहे हैं, यही नहीं संबंधित पारिवारिक सदस्यों के पास पीने वाले पानी की सहूलियत भी नहीं है।

मजदूर महिलाओं की हालत इस कदर है कि उनको रोजमर्रा के प्रयोग का पानी दूर-दूर खेतों में लगी मोटरों से भरना पड़ रहा है। बस्ती की निवासी ज्योति कौर का कहना है कि रात के अंधेरे में रहना उनके लिए अब आम बात बन गई है। बिजली की कमी का एहसास अब गर्मी का मौसम आने के कारण ज्यादा होने लगा है। पीने वाले पानी की कमी भी मुश्किल खड़ी कर रही है। महिला का कहना था कि अंधेरे के कारण बच्चे व बूढ़े रात को ठोकर खाकर गिर जाते हैं।

पाइप लाइन तो डाली, लेकिन अभी तक नहीं आया पानी
बस्ती की निवासी मलकीत कौर का कहना था कि 7 महीने पहले जब पीड़ित परिवारों ने अपने लिए पीने वाले पानी की बुनियादी सहूलियत लेने के लिए शोर मचाया तो सरकार की ओर से गांव के वाटर वक्र्स से पाइप लाइन इन गरीबों के घरों तक बिछा दी गई, लेकिन आज तक इन पाइपों में से पानी की एक बूंद भी दलितों को नसीब नहीं हुई।

ट्रांसफार्मर लगाने के लिए विभाग मांग रहा हजारों रुपए
स्थानीय बस्ती के निवासियों हरबंस सिंह, बलकार सिंह, रानी कौर का कहना है कि उनकी बस्ती में ट्रांसफार्मर लगाने के लिए 70 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं, जो वह भरने से अमसर्थ हैं। उन्होंने मांग की कि मुफ्त बिजली वाले पुराने मीटर उनके नए घरों में लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि बिजली न होने के कारण अंधेरे में रहना मुश्किल हो गया है। यूनिट माफी वाले मीटर लगाने के लिए रुपयों की मांग की जा रही है, जबकि गरीबी होने के कारण उनके पास देने के लिए रुपए नहीं हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!