Edited By Des raj,Updated: 22 Jul, 2018 04:02 PM
कच्चे मकानों को पक्के बनाने के लिए सरकार से ग्रांट दिलाने का झांसा देकर मनरेगा सेक्रेटरी ने गरीबों से पैसे इकठ्ठा किए और फरार हो गया। ठगी का शिकार हुए यह लोग अब इन्साफ की गुहार लगा रहे हैं। मामला नाभा के गांव कौड़ी का है।
पटियाला : कच्चे मकानों को पक्के बनाने के लिए सरकार से ग्रांट दिलाने का झांसा देकर मनरेगा सेक्रेटरी ने गरीबों से पैसे इकठ्ठा किए और फरार हो गया। ठगी का शिकार हुए यह लोग अब इन्साफ की गुहार लगा रहे हैं। मामला नाभा के गांव कौड़ी का है। दरअसल, एक साल पहले मनरेगा सेक्रेटरी ने करीब 70 लोगों से यह कहते हुए एक-एक हजार रुपए और घर की फोटो ली थी कि सरकार उनको पक्के मकान बनाने के लिए 70-70 हजार रुपए देगी, लेकिन साल बाद न तो कोई पैसा मिला और न ही अब सेक्रेटरी मिल रहा है। इतना ही नहीं मनरेगा मजदूरों ने मनरेगा की मजदूरी भी न मिलने का आरोप लगाया है।
दूसरी तरफ इस बारे में जब बी.डी.पी.ओ. के साथ बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतें मिलने के बाद उसका ठेका कैंसिल कर नौकरी से निकाल दिया गया था। सरकार गरीबों के लिए कई भलाई स्कीमें चालू करती है, मगर यदि इन स्कीमों को लागू करने वाले ही गरीबों के हकों पर डाका डालने लग जाए तो जनता किस पर विश्वास करेगी?