चांद पर पहुंचने वाला भारत, धरती में कुछ फुट की दूरी से नहीं निकाल पाया फतेह को

Edited By Vatika,Updated: 11 Jun, 2019 09:11 AM

mission fatehveer

150 फुट गहरे बोरवैल में गिरे 2 साल के बच्चे फतेहवीर सिंह को 5 दिन बाद बाहर निकाला गया है, जिसे चंडीगढ़ के पी.जी.आई. अस्पताल ले जाया गया। फतेहवीर को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): 150 फुट गहरे बोरवैल में गिरे 2 साल के बच्चे फतेहवीर सिंह को 5 दिन बाद बाहर निकाला गया है, जिसे चंडीगढ़ के पी.जी.आई. अस्पताल ले जाया गया। फतेहवीर को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 

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इस घटना से जहां बच्चे के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है, वहीं फतेहवीर की जान बचाने के लिए शुरू किए गए मिशन फतेह में देरी ने देश की तरक्की पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मौके पर न सिर्फ पंजाब के लोग बल्कि पूरा देश इस बात को लेकर हैरान और खफा है कि चांद और मंगल ग्रह पर पहुंचने के अलावा परमाणु बम बनाने वाला भारत अब डिजीटल इंडिया की बात तो कर रहा है, मगर ऐसे बोरवैल की खुदाई करने के मामले में यहां की सरकार और इंजीनियर आज भी कई दशक पुरानी तकनीक पर निर्भर हैं। विशेषकर जिस तरीके से फतेहवीर को बचाने के कार्यों में बार-बार बाधा आई है और उसमें कई गलतियां हुई हैं, उन्हें लेकर आम लोगों में रोष की लहर फैलना और सरकार को कटघरे में खड़ा करना स्वाभाविक है।

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क्या है बोर करने और कुएं खोदने संबंधी कानून
देश में ऐसे बोरवैल में बच्चे के गिरने के कई मामले सामने आने के बाद अब प्रत्येक जिले में जिला मैजिस्ट्रेट की ओर से यह आदेश जारी किया जाता है कि किसी भी कुएं का बोर करते समय बकायदा संबंधित कंपनी/ठेकेदार को वहां सूचना बोर्ड लगाना होगा और बोर वाली जगह के आसपास सुरक्षा के  पूरे प्रबंध करने होंगे, ताकि बोर में कोई बच्चा/चीज/जानवर आदि न गिर पाए। यह आदेश प्रत्येक 3 महीने के बाद जारी किए जाते हैं, जिसके तहत पूरा साल यह आदेश लागू रहते हैं, इसके बावजूद भी लोगों की लापरवाही शिखर पर है। इसी कारण पंजाब समेत अन्य स्थानों पर ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं। अब भले ही इस ताजा मामले में बोर को न ढकने के मामले में संबंधित परिवार द्वारा कार्रवाई की मांग नहीं की जा रही, मगर लोग यह जरूर मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को ऐसी लापरवाही करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। 
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माइनिंग के लिए तो मौजूद है मशीनरी, मगर मासूम की जान बचाने के लिए बाल्टियों से चलाया जाता है काम
लोग इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि बहते दरियाओं में से रेत निकालने के लिए बड़ी हाईड्रॉलिक मशीनें बनवा ली गई हैं, जिसके तहत कई फुट गहरे दरिया में से पानी में से रेत निकाल ली जाती है। इसी तरह बड़े-बड़े फ्लाईओवर और भवन निर्माण के लिए भी अत्याधुनिक तकनीकें व मशीनें बनाई गई हैं, मगर फतेहवीर की जान बचाने के लिए 4 दिनों तक बाल्टियों से बोर में से मिट्टी निकालने का काम एक तरह से सरकार और यहां की तरक्की का उड़ाने से कम नहीं है। भले ही कैबिनेट मंत्री विजय इंद्र सिंगला यह कह चुके है कि हाईड्रोलिक तकनीक वाली मशीन चंडीगढ़ से लाई तो जा सकती थीं, मगर उसमें पानी का प्रयोग अधिक होने से बच्चेकी जान को खतरा हो सकता था, मगर लोग इस बात की मांग कर रहे हैं कि जब ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं तो सरकारें ऐसी समस्या से निपटने के लिए आवश्यक मशीनरी और अन्य प्रबंध क्यों नहीं कर रही। 
 

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