आगजनी की घटना में लापता 328 स्वरूपों के मामले पर सिख संस्थाओं ने खोला मोर्चा

Edited By Vatika,Updated: 14 Sep, 2020 01:10 PM

missing 328 formats guru granth sahib

गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में 2016 में आगजनी की घटना में लापता 328 स्वरूपों बारे श्री अकाल तख्त साहिब की जांच रिपोर्ट के बाद शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कार्यकारिणी के फैसले अनुसार कुछ आरोपी अधिकारियों व मुलाजिमों को...

अमृतसर (अनजान): गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में 2016 में आगजनी की घटना में लापता 328 स्वरूपों बारे श्री अकाल तख्त साहिब की जांच रिपोर्ट के बाद शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कार्यकारिणी के फैसले अनुसार कुछ आरोपी अधिकारियों व मुलाजिमों को सस्पैंड करने उपरांत विभागीय कार्रवाई और फौजदारी केस करने का ऐलान किया था। इसके बाद यू-टर्न लेने पर सिख पंथ, सिख जत्थेबंदियां, सिख संस्थाओं व विरोधी पक्षों के ऐतराजों का जवाब देने के लिए सिख संस्थाओं ने कमेटी विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। कुछ जत्थेबंदियों द्वारा दल खालसा के नेतृत्व में 17 सितम्बर को श्री अकाल तख्त साहिब पर चिंतन व मंथन के लिए जलसा बुलाया है। कुछ जत्थेबंदियां और राजनीतिक पार्टियां 14 सितम्बर को सत्कार समितियों के साथ गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में रणनीति तैयार करने के लिए एकत्रित हो रही हैं, परन्तु जवाब में कमेटी प्रधान भाई लौंगोवाल ने कहा कि वह गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हाल में जत्थेबंदी को विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं देंगे पर सत्कार कमेटियां जवाब तलबी के लिए मंजी साहिब दीवान हाल में रणनीति तय करने के लिए जिद्दी हैं। ‘पंजाब केसरी’ ने कुछ स्कॉलरों व राज नेताओं की राय ली।

गुरुद्वारा सुधार लहर के बाद शिरोमणि कमेटी, शिअद, पंजाबी पार्टी व बाद में बादल एंड लिमिटिड कंपनी बनी
लोक इंसाफ पार्टी के पंजाब धार्मिक विंग के प्रधान जगजोत सिंह खालसा ने कहा कि गुरुद्वारा सुधार लहर के बाद 1920 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनी, जो अब तक गुरुद्वारा साहिबान का प्रबंध संभाल रही है। कमेटी के बाद अकाली दल, फिर पंजाबी पार्टी और इसके बाद बादल एंड लिमिटिड कंपनी बनी। जबसे बादल कंपनी बनी तबसे कमेटी के प्रबंधों में पतन आना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि 14 सितम्बर को समूह सिख जत्थेबंदियां गुरुद्वारा साहिबान का कब्जा लेने के लिए गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में एकत्रित नहीं हो रही हैं, बल्कि लौंगोवाल से जवाब लेने के लिए आ रही हैं। प्रधान टकराव की नीति के साथ नरैनू महंत का किरदार निभाएंगे तो संगत लछमण सिंह धारोवाल वाला किरदार निभाएंगी। 

कमेटी अपने जाल में फंसी
प्रसिद्ध सिख विद्वान डा. अनुराग सिंह ने कहा कि कमेटी गुरु साहिब के स्वरूपों की बेअदबी संबंधी अपने जाल में खुद फंस गई है। दूसरी तरफ कमेटी से जवाब सभी मांग रहे हैं, परन्तु हल कोई नहीं निकाल रहा। रिपोर्ट 2016 में जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ समय पर सब-समिति ने भी तैयार की थी। उस समय के चीफ सचिव मरहूम हरचरन सिंह ने दबा दिया था। जत्थेदार मक्कड़ को उतार दिया और पी.ए. मनजीत सिंह की ट्रांसफर कर दी। यह क्रिमिनल केस के आरोपी हैं, उन पर विभागीय कार्रवाई के साथ क्रिमिनल कार्रवाई भी होनी चाहिए। शिरोमणि कमेटी को इससे मुक्त होने के लिए इंडिपैंडैंट होना पड़ेगा।

इंकलाबी कदम उठाए जाएं
सिख जत्थेबंदी दल खालसा के वक्ता कंवरपाल सिंह बिट्टू ने कहा कि कमेटी की कायाकल्प की जरूरत है। नेताओं की सोच और काम ने संस्था को पतन की तरफ धकेल दिया है। मौजूदा निजाम पूरी तरह भ्रष्ट और सिद्धांतहीन हो चुका है। बदलने की जरूरत है। यह तब ही मुमकिन है जब संस्था, एक परिवार और एक पार्टी की पकड़ व जकड़ से मुक्त हो जाए। जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा के अकाल प्रस्थान के बाद संस्था की लगाम  ऐसे व्यक्तियों के हाथ रही है, जो अयोग्य व बौने थे या राजसी दबाव तले मूकदर्शक बने रहे। कमेटी सिर्फ नाम की ही सिखों की पार्लियामैंट है, हकीकत में यह अकाली दल की पिछलग जमात है।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!