Edited By Updated: 12 May, 2017 10:44 AM
शहर में नाबालिग बच्चों द्वारा चलाए जा रहे दोपहिया वाहनों (इंजन वाले) कारण बढ़ रहे सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है।
गुरदासपुर(विनोद): शहर में नाबालिग बच्चों द्वारा चलाए जा रहे दोपहिया वाहनों (इंजन वाले) कारण बढ़ रहे सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है। इस संबंधी ट्रैफिक पुलिस के साथ महिला पुलिस अधिकारी भी इस अभियान में शामिल किए गए हैं। बेशक अभी प्रथम चरण में इस अभियान के बेहतर परिणाम सामने नहीं आए हैं, परंतु जिला प्रशासन को विश्वास है कि इस अभियान से आने वाले समय में शहर में सड़क हादसों में भारी कमी आएगी।
क्या है यह विशेष अभियान
ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज इंस्पैक्टर गुरदीप सिंह ने इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि शहर में छोटी आयु के लड़के/लड़कियां दोपहिया वाहन चलाते आम देखे जाते थे। कई बार तो ये छात्र आपस में रेस लगाते भी देखे जाते थे, जिसके कारण सड़क हादसों में बढ़ौतरी हो रही थी। कुछ स्कूलों के बाहर भी बड़ी संख्या में दोपहिया वाहन खड़े दिखाई देते थे जो यातायात में रुकावट बनते थे। इन सभी समस्याओं पर काबू पाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने छोटे बच्चों द्वारा मोटरसाइकिल, स्कूटर या अन्य इंजन-युक्त वाहन चलाने पर रोक लगाने के लिए अभियान शुरू किया है।
प्रथम चरण में क्या किया जा रहा है
ट्रैफिक इंचार्ज गुरदीप सिंह ने बताया कि लड़कियों से पूछताछ कर महिला पुलिस अधिकारी बच्चों के अभिभावकों को मौके पर बुला रही हैं तथा लड़कों से बातचीत कर उनके अभिभावकों को बुलाया जा रहा है, परंतु दुख की बात यह है कि कुछ अभिभावक सुधार करने की बजाय बहसबाजी करते हैं। कुछ ट्यूशन पढऩे के लिए वाहन लेकर देने तो कुछ जरूरी काम से घर से दोपहिया वाहन लेकर निकलने का बहाना लगाते हैं, परंतु प्रथम चरण में तो हम केवल अभिभावकों को आगे से दोपहिया वाहन न चलाने के लिए देने की चेतावनी देकर छोड़ रहे हैं, परंतु जल्द ही चालान काटने तथा वाहन बॉण्ड करने का अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अधिकतर छात्रों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी नहीं है।
स्कूलों के बाहर छात्रों को अपने दोपहिया वाहन खड़े करने की इजाजत नहीं होगी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ स्कूलों के बाहर बहुत अधिक संख्या में छात्र अपने वाहन खड़े करके स्कूल चले जाते हैं, जो सड़क पर यातायात में रुकावट बनते हैं तथा वाहन चोरी होने का खतरा भी बना रहता है इसलिए स्कूलों के बाहर अब छात्रों को दोपहिया वाहन खड़े करने की इजाजत नहीं दी जाएगी तथा बच्चों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे छात्रों की सेहत भी ठीक रहेगी तथा वातावरण प्रदूषित होने पर भी रोक लगेगी।