Edited By Tania pathak,Updated: 11 May, 2020 03:38 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में सोमवार को पंजाब कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें मंत्रियों की तरफ से मुख्य सचिव करन अवतार पर दुर्व्यवहार करने के दोष लगाए गए...
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में सोमवार को पंजाब कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें मंत्रियों की तरफ से मुख्य सचिव करन अवतार पर दुर्व्यवहार करने के दोष लगाए गए और सर्व समिति के साथ उन का बायकॉट करने का फैसला किया गया। इस बारे में ऐलान किया गया कि कैबिनेट की किसी भी बैठक में मंत्री शामिल नहीं होंगे, यदि उस कैबिनेट बैठक को करन अवतार करवाते हैं। उन्होंने यह फ़ैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया है। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की तरफ से भी यही कहा गया कि यदि मुख्य सचिव मीटिंग में शामिल हुए तो वह उस मीटिंग में नहीं जाएंगे, जिस के बाद सर्व समिति के साथ इस संकल्प को पास कर दिया गया है। इस मीटिंग दौरान मंत्रीमंडल ने मुख्य मंत्री को आबकारी नीति संशोधन बारे फ़ैसला लेने का अधिकार दे दिया है।
गौरतलब है कि पंजाब के मुख्य सचिव करन अवतार और मंत्रियों के बीच काफ़ी विवाद बढ़ गया है। करन अवतार ने 31 अगस्त को सेवा मुक्त होना है। इस सरकार की एक ख़ास बात यह है कि जब कोई आई. ए. ऐस. सेवा मुक्त होता है तो उसे किसी कमीशन में लगा दिया जाता है। ज़ाहिर है कि करन अवतार सिंह को भी किसी न किसी अथॉरिटी का चेयरमैन बनाया जा सकता है। विवाद भी उस समय बढ़ रहा है, जब मुख्य सचिव के रिटायर होने में कम समय बचा है। यदि मुख्य सचिव आज भी सेवा मुक्त हो जाते हैं तो उन की पैंशन और भत्तों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अब यह फ़ैसला कैप्टन अमरिन्दर सिंह के हाथ में है क्योंकि उन्होंने मंत्रियों और मुख्य सचिव दोनों का सम्मान बरकरार रखना है।