Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 09:09 AM
पंजाब सरकार के मौजूदा व पूर्व सरकारी मुलाजिमों को छोड़कर केवल पंजाब के मौजूदा अथवा पूर्व मंत्रियों तथा विधायकों को दोगुना मैडीकल अलाऊंस दिए जाने के फैसला का सीनियर रिटायर्ड पंजाब सिविल मैडीकल सवर्सिज एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है।
होशियारपुर (जैन): पंजाब सरकार के मौजूदा व पूर्व सरकारी मुलाजिमों को छोड़कर केवल पंजाब के मौजूदा अथवा पूर्व मंत्रियों तथा विधायकों को दोगुना मैडीकल अलाऊंस दिए जाने के फैसला का सीनियर रिटायर्ड पंजाब सिविल मैडीकल सवर्सिज एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है। आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में एसोसिएशन के कन्वीनर व रिटा. सिविल सर्जन डा. अजय बग्गा व डा. कौशल सिंह सैनी ने कहा कि पहले तमाम सरकारी मुलाजिमों की तरह वी.आई.पी. लोगों को प्राइवेट अस्पतालों से इलाज करवाने पर वही पैसे री-एम्बर्समैंट में मिलते थे जोकि पी.जी.आई. अथवा एम्ज दिल्ली में इलाज पर खर्च होता था।
30 बड़े अस्पतालों से सरकार ने किया करार
पंजाब सरकार ने अब इलाके के 30 से अधिक बड़े प्राईवेट अस्पतालों से करार किया है जिसके अंतर्गत वी.आई.पीज इन अस्पतालों में इलाज करवाएंगे तो उन्हें सैंट्रल गवर्नमैंट हैल्थ स्कीम तहत री-एम्बर्समैंट होगी। सैंट्रल गवर्नमैंट हैल्थ स्कीम के अंतर्गत पी.जी.आई. व एम्ज से दोगुना खर्च प्राईवेट एम्पैनल्ड अस्पतालों को दिया जाता है लेकिन यह लाभ मौजूदा व रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा।
खजाना खाली होने की दी जा रही है दुहाई
डा. बग्गा व डा. सैनी ने कहा कि वी.आई.पी. लोगों को इलाज हेतु विशेष सुविधाएं देने की पहल नि:वर्तमान अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने की थी तथा मौजूदा कांग्रेस सरकार ने इसे अमलीजामा पहनाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार खजाना खाली होने की दुहाई दे रही है दूसरी तरफ वी.आई.पी. लोगों को इलाज के लिए दोगुना खर्च मुहैया करवाया जा रहा है।
सरकारी मुलाजिमों को भी मिले सुविधा
डा. अजय बग्गा व डा. कौशल सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह व स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा से अपील की है कि वी.आई.पी. लोगों के इलाज के लिए जो अस्पताल एम्पैनल किए गए हैं वहां मौजूदा व पूर्व सरकारी मुलाजिमों को भी इलाज की सुविधा मुहैया करवाई जाए। उन्होंने रोषपूर्वक कहा कि 5 वर्ष विधायक रहने पर वी.आई.पीज सरकारी खर्च पर इलाज के हकदार बन जाते हैं जबकि सरकारी मुलाजिम को यह लाभ लेने के लिए कम से कम 20 साल सेवा करनी पड़ती है।