पंजाब सरकार ने स्कॉलरशिप राशि में किया गोलमाल व अपने हिस्से का नहीं दे रही हिसाब : भाजपा

Edited By swetha,Updated: 05 Dec, 2018 08:53 AM

minister of state for social justice and empowerment

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण राज्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की हठधर्मी के चलते अनुसूचित जाति छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप लेने में परेशानी हो रही है।  मंत्रालय द्वारा बार-बार कहने और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के बावजूद...

चंडीगढ़ (शर्मा): केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण राज्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की हठधर्मी के चलते अनुसूचित जाति छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप लेने में परेशानी हो रही है।  मंत्रालय द्वारा बार-बार कहने और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के बावजूद पुरानी राशि के खर्च की ऑडिट रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। पहले दी राशि का यूटिलाइजेशन प्रमाण पत्र (यू.सी.) भी नहीं दिया जा रहा है जिस कारण मंत्रालय अब और राशि जारी करने में असमर्थ है।

स्थानीय यू.टी. गैस्ट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत में उक्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अभी तक पिछले वर्ष दौरान स्कॉलरशिप राशि के आबंटन में गोलमाल से संबंधित ऑडिट रिपोर्ट नहीं दी है लेकिन अधिकारियों ने मौखिक रूप में माना है कि गड़बड़ी लगभग 400 करोड़ की है। इसके अलावा अभी पंजाब सरकार ने योजना के तहत अपने हिस्से के 350 करोड़ का भी हिसाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण मंत्रालय ने फैसला लिया है कि अगले सत्र से स्कॉलरशिप की राशि सीधे छात्रों के खातों में जमा करवाई जाएगी। 

राज्य सरकार की ओर से ऑडिट रिपोर्ट और यू.सी. न देने तक केंद्र कोई राशि जारी नहीं करेगा। हालांकि केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि 31 मार्च तक लंबित मामले सैटल कर लिए जाएंगे लेकिन पंजाब के मामले में निर्भर करता है कि क्या समय रहते अपने स्तर  पर कार्रवाई की जाती है या नहीं। पंजाब सरकार ने समय रहते ऑडिट रिपोर्ट या यू.सी. नहीं दिया तो बजट लैप्स भी हो सकता है।  

सिद्धू खो चुके हैं मानसिक संतुलन
पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह को अपना कैप्टन न मानने संबंधी बयान से मचे घमासान बारे प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेशक कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, लेकिन सिद्धू का बयान निंदनीय है। ऐसा लगता है कि सिद्धू मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। 

उनको समझना पड़ेगा कि हर जगह स्टेज शो नहीं होता। मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे पदों की लोकतंत्र में गरिमा बनी रहनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस शायद इस कल्चर में विश्वास नहीं रखती इसलिए कोई नेता प्रधानमंत्री की मां तक पहुंच जाता है तो कोई मतदाताओं को पंजाब में आने पर शराब से नहला देने का वायदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पद की गरिमा का हमेशा ख्याल रखा।

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