Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 04:39 PM
उपचुनाव में पूर्व मंत्री कोहाड़ के पौत्र या बहू को टिकट मिल सकता है। शिअद सुप्रीमो ने संकेत दिया है कि उपचुनाव में कोहाड़ का उत्तराधिकारी उनके परिवार से ....
जालंधर: उपचुनाव में पूर्व मंत्री कोहाड़ के पौत्र या बहू को टिकट मिल सकता है। शिअद सुप्रीमो ने संकेत दिया है कि उपचुनाव में कोहाड़ का उत्तराधिकारी उनके परिवार से ही होगा। कोहाड़ पांच बार लगातार सीट जीतकर शिअद की झोली में डाल चुके हैं और शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल किसी सूरत में इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहते हैं, इसलिए वह कोहाड़ के उत्तराधिकारी के लिए पूरा मंथन कर रहे हैं। अभी तक जो बात सामने आ रही है, उसके मुताबिक कोहाड़ की पुत्रवधू या पौत्र को मैदान में उतारा जा सकता है।
सूबे में कांग्रेस की सत्ता है और उपचुनाव अगले छह माह के भीतर होने हैं। उपचुनाव के नतीजे अक्सर सत्तासीन पार्टी के नतीजे अक्सर सत्तासीन पार्टी के हक में ही आते हैं, ऐसे में यह सीट अगर कांग्रेस की झोली में चली गई तो शिअद के लिए बड़ा झटका होगा। इससे पहले सांसद विनोद खन्ना के देहांत के बाद कांग्रेस गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा से सीट झटक चुकी है।
कोहाड़ 1977 में जब मैदान में पहली बार उतरे तो उन्होंने चौधरी दर्शन सिंह को हराया था। 2002 में कोहाड़ के खिलाफ कांग्रेस ने बृज भूपिंदर कंग को खड़ा किया तो उसको भी चुनाव हरा दिया। 2007 में बसपा के प्रदेश प्रधान कर्नल सीडी कंबोज को कांग्रेस ने पार्टी में शमिल कर प्रत्याशी बनाया। इस बार भी कोहाड़ जीत गए। 2012 में कांग्रेस ने दोबारा सीडी कंबोज पर दांव खेला।?
इस बार भी कांग्रेस का दांव फेल हो गया। 2017 में कांग्रेस ने लाडी शेरेवालिया को टिकट दी, लाडी भी कोहाड़ को मात नहीं दे पाया। कोहाड़ शिरोमणि अकाली दल के कोहड़ माने जाते थे। उनके स्वर्गवास में शिअद का दोआबा में मजबूत किला हिल गया है। शाहकोट के उपचुनाव छह माह के भीतर होने हैं, ऐसे में शिरोमणि अकाली दल इस सीट को छठी बार जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने की तैयारियों में जुट गया है। अजीत सिंह कोहाड़ के बेटे नायब सिंह कोहाड़ भी राजनीति में हैं। पार्टी के भीतर इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि सीट पर कोहाड़ की पुत्रवधू यानी नायब सिंह कोहाड़ की पत्नी को उतारा जाए तो महिला वोट बैंक के साथ साथ सहानुभूति वोट शिअद को मिल सकती है।
इसके साथ ही दूसरा विचार उनके पौत्र बचित्र सिंह कोहाड़ के नाम पर भी किया जा रहा है ताकि युवा वर्ग का वोट शिअद को आसानी से मिल जाए। शिअद के दिग्गजों में इस बात को लेकर पूरी चर्चा शुरू हो चुकी है और परिवार के साथी सहयोगी इस पर मंथन में जुट गए हैं।