पंजाब सरकार डेढ़ साल बाद भी नहीं ला पाई माइनिंग पॉलिसी

Edited By Anjna,Updated: 24 Jun, 2018 01:58 PM

mining policy

पंजाब में सरकार बनने के डेढ़ वर्ष बाद भी माइनिंग पॉलिसी नहीं आ पाई है जिसकी वजह से राज्य की क्रशर इंडस्ट्री मरणासन्न अवस्था से अब मृत्यु शैय्या पर आ लेटी है। जिले के अधीन आते भोआ हलके की एकमात्र क्रशर इंडस्ट्री जो कि कीड़ी मंगियाल व नरोट जैमल सिंह...

पठानकोट/भोआ (शारदा, अरुण): पंजाब में सरकार बनने के डेढ़ वर्ष बाद भी माइनिंग पॉलिसी नहीं आ पाई है जिसकी वजह से राज्य की क्रशर इंडस्ट्री मरणासन्न अवस्था से अब मृत्यु शैय्या पर आ लेटी है। जिले के अधीन आते भोआ हलके की एकमात्र क्रशर इंडस्ट्री जो कि कीड़ी मंगियाल व नरोट जैमल सिंह क्षेत्र में स्थित है, अब कच्चा माल उपलब्ध न होने के चलते बंद होने के कगार पर आ पहुंची है। इस संबंध में क्रशर उद्यमियों प्रधान सुरेन्द्र पप्पू, पुष्पिन्द्र मैनी, गोलू शर्मा व पम्मी ठाकुर ने बताया कि कैप्टन सरकार द्वारा नई माइनिंग पॉलिसी न बनाने व माननीय हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के चलते रावी दरिया में माइनिंग बंद हो गई है। इस कारण क्रशर इंडस्ट्री तबाह होने की स्थिति में आ पहुंची है।

उन्होंने बताया कि क्रशर यूनिटों के आस-पास लगे डम्प लगभग खत्म हो चुके हैं इससे इंडस्ट्री को चलाने के लिए कच्चे माल की भारी कमी आड़े आ रही है जिससे रेत-बजरी के दाम आकाश को छू रहे हैं वहीं सरकार को राजस्व भी नहीं मिल पा रहा है। क्रशर मालिकों ने बताया कि एक-एक क्रशर यूनिट पर 11 हजार किलोवाट का विद्युत ट्रांसफार्मर लगा है जिससे 440 वॉट पर क्रशर इंडस्ट्री का काम चलता है। ऐसे में यदि राज्य सरकार नई पॉलिसी आने तक हर क्रशर को शॉर्ट टर्म परमिट देकर बिजली की खपत अनुसार उससे बनता रैवेन्यू ले ले तो इससे जहां अवैध माइनिंग रुकेगी, वहीं क्रशर इंडस्ट्री को भी संजीवनी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि उत्पादन हेतु कच्चा माल न मिलने से क्रशर मालिक अपनी लेबर की धीरे-धीरे छुट्टी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में महज एक दरिया से खनन के जरिए 3 वर्षों से 10 से 1200 करोड़ तक राजस्व वहां की सरकार को प्राप्त हुआ है। इसके मुकाबले 5 दरियाओं वाले राज्य पंजाब को महज 40 करोड़ राजस्व प्राप्त हो पाया है। इससे लगता है कि पिछली गठबंधन सरकार के समय बड़े पैमाने पर राजस्व की चोरी हुई है तथा पैसा राज्य सरकार के खजाने की जगह कहीं और ही चला गया है।

रोज सैंकड़ों ट्रक-ट्राले जम्मू-कश्मीर से लोड होकर राज्य में कर रहे हैं प्रवेश
वर्णनीय है कि यहां राज्य सरकार की उपेक्षा व नीरसता के चलते राज्य की क्रशर इंडस्ट्री बर्बाद होने को है, वहीं संलग्र राज्य जम्मू-कश्मीर से प्रतिदिन सैंकड़ों की तादाद में ट्रक व ट्राले लोड होकर राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। वहीं राज्य सरकार भी इस बाबत कुछ भी करने से फिलहाल परहेज कर रही है।
 

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