Edited By Updated: 09 Feb, 2017 02:17 AM
पंजाब और गोवा विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं और 11 मार्च को आने वाले परिणाम...
जालंधर(इलैक्शन डैस्क): पंजाब और गोवा विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं और 11 मार्च को आने वाले परिणाम का इंतजार है। पंजाब विधानसभा चुनाव में 117 सीटों के लिए 1145 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं तो गोवा में 40 सीटों के लिए 251 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सरकार बेशक किसी की बने, लेकिन चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के विवरणों से दोनों प्रदेशों की पृष्ठभूमि का अंदाजा लगाया जा सकता है।
आपराधिक मामले: गोवा 23 और पंजाब में 16 प्रतिशत
सबसे पहले यदि बात करें पंजाब की तो यहां किस्मत आजमा रहे कुल 1145 उम्मीदवारों में से 100 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जो कि कुल का 9 प्रतिशत और 77 लोगों पर गंभीर अपराधों के केस दर्ज हैं, जो कि 7 प्रतिशत बनता है। इस प्रकार 177 उम्मीदवार (कुल 16 प्रतिशत) अलग-अलग अपराधों के आरोपी हैं। वहीं गोवा विधानसभा में जाने का सपना देखने वाले 251 उम्मीदवारों में से 38 लोगों पर सामान्य आपराधिक मामले जो कि 15 प्रतिशत है और 19 लोगों पर गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं जो कि 8 प्रतिशत हैं। इस प्रकार गोवा विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे 251 में से 57 लोगों (कुल 23 प्रतिशत) पर केस दर्ज हैं।
पंजाब में ग्रैजुएट प्रत्याशी भी कम
पंजाब में कुल प्रत्याशियों में 365 प्रत्याशी ही ऐसे हैं जो स्नातक या इससे अधिक पढ़े हैं यानी कि 780 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने ग्रैजुएशन तक भी नहीं की जबकि गोवा विधानसभा के खड़े 251 प्रत्याशियों में से 102 ही ऐसे हैं जो स्नातक या इससे अधिक पढ़े हैं यानी कि 149 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने ग्रैजुएशन नहीं की। यानी कि पंजाब में किस्मत आजमा रहे 32 प्रतिशत और गोवा में 41 प्रतिशत प्रत्याशी ग्रैजुएशन या इससे अधिक पढ़े-लिखे हैं।
गोवा में 156 और पंजाब में 428 करोड़पति प्रत्याशी
राजनीति को अमीरों का शौक कहा जाता है लेकिन यह बात भी गोवा के मुकाबले पंजाब में मायने नहीं रखती। नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ-पत्र में 428 प्रत्याशियों ने अपने आपको करोड़पति दर्शाया है जो कि कुल प्रत्याशियों का 37 प्रतिशत बनता है। इसके अलावा यदि बात की जाए गोवा की तो यहां से 156 प्रत्याशियों ने शपथ पत्र देकर अपनी सम्पत्ति को करोड़ों में बताया है। ये प्रत्याशी गोवा विधानसभा में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों का 62 प्रतिशत है। यानी कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में से आधे से अधिक करोड़पति हैं।
पैन नंबर नहीं देने में पंजाब आगे
पंजाब में कुल प्रत्याशियों में से 221 प्रत्याशी ही ऐसे हैं जिन्होंने अपना पैन नंबर तक जमा नहीं करवाया। ऐसे प्रत्याशियों की संख्या 19 प्रतिशत है। इसके मुकाबले गोवा में जागरूक प्रत्याशियों की संख्या अधिक है। यहां से केवल 6 प्रत्याशी ही ऐसे हैं, जिन्होंने पैन नम्बर जमा नहीं करवाया है। इनकी संख्या 2 प्रतिशत है। इसके अलावा पंजाब में 673 यानी कि 59 प्रतिशत उम्मीदवारों ने इन्कम टैक्स रिटर्न जमा करवाई है जबकि गोवा के 251 प्रत्याशियों में से 216 ने यानी कि 86 प्रतिशत उम्मीदवारों ने इन्कम टैक्स रिटर्न जमा करवाई है।
महिला प्रत्याशियों की संख्या बराबर
विधानसभा, लोकसभा और अन्य सार्वजनिक मंचों में नारी सशक्तिकरण का दंभ भरने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों की असलियत टिकटों के बंटवारे के समय खुलकर सामने आती है। प्रदेश कोई भी हो महिलाओं को टिकट देने में कोताही बरतता है। पंजाब में टिकट बांटते समय राजनीतिक दलों को 81 महिलाएं ही योग्य नजर आईं। ये महिलाएं केवल 7 प्रतिशत थीं। इसी तरह गोवा में राजनीतिक दलों ने केवल 18 महिलाओं को टिकट दिया। यहां से भी 7 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिए गए।