Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Nov, 2017 03:52 PM
शहर में चल रहा 26वा "मेला गदरी बबेयां दा" 1 नवंबर को अपने अंतिम चरण में पहुच गया।
जालंधर(सोनू): शहर में चल रहा 26वा "मेला गदरी बबेयां दा" 1 नवंबर को अपने अंतिम चरण में पहुच गया। मेले के अंतिम दिन को हमेशा की तरह यादगार बनाने के लिए झंडे की रसम अदा की गई जिसमे अमोलक सिंह द्वारा लिखे गीत को खुबसूरत ढंग से दर्शाया गया। इस गीत के जरिए भारत की मौजूदा दुर्दशा व शहीदों के आज़ादी के प्रति किए साहसिक कार्यों को रूपांतरित किया गया।
इस मौके पर देश भगत यादगार कमेटी के जनरल सैक्रेटरी ने कहा वे इस मेले से शुरू से जुड़े हुए हैं जो पिछले 26 साल से ऐसे ही मनाया जा रहा ही। देश की आजादी के समय हुए शहीदों के नाम पर कराया जाने वाला यह 26वां मेला है। पिछले तीन दिन से यह मेला जालंधर स्थित देश भगत यादगार हाल में मनाया जा रहा है। इस मेले को देखने आए लोगों ने भी कहा कि इस मेले में हर चीज से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। ख़ास तौर पर यहां जो किताबें रखी गई हैं उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।