Edited By Tania pathak,Updated: 17 Nov, 2020 03:07 PM
सेहत विभाग इन उम्मीदवारों को पेशेवर और वित्तीय तौर पर संतुष्ट करने में असफल साबित हो रहा है...
चंडीगढ़: सरकारी क्षेत्र में अब डाक्टरी विशेषज्ञ की नौकरी ज़्यादा आकर्षक नहीं रही क्योंकि बहुत भरोसे और इंटरव्यू के बावजूद भी हाल ही में जारी किए आंकड़ों में 60 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। बीते जुलाई महीने में सेहत विभाग की तरफ से अलग-अलग 6 क्षेत्रों में 142 पदों के लिए भर्ती शुरू की गई थी, हालांकि पिछले 4 महीनों दौरान सिर्फ 62 विशेषज्ञ ही नौकरी पर आए है।
इनमें से 50 डाक्टरों ने अगस्त के पहले हफ़्ते निर्धारित तिथि मुताबिक अपनी ड्यूटी जॉइन की, जबकि 20 डॉक्टर चाहते थे कि उनकी जॉइनिंग तिथि बढ़ा दी जाए। उनका मानना है कि सेहत विभाग इन उम्मीदवारों को पेशेवर और वित्तीय तौर पर संतुष्ट करने में असफल साबित हो रहा है।
इस बारे में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ सायंसिज़, फरीदकोट के पूर्व रजिस्ट्रार डा. प्यारे लाल गर्ग का कहना है कि पिछले दिनों सर्जनों को उन स्थानों पर तैनात किया गया, जहां सर्जरी करने का कोई बुनियादी ढांचा नहीं था। इस बारे सेहत विभाग के प्रमुख सचिव का कहना है कि सरकार की तरफ से सरकारी क्षेत्रों में विशेषज्ञ की नौकरी को और ज्यादा आकर्षक बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे उनको अपनी पसंद की पोस्टिंग करवाई जा सके।