Edited By swetha,Updated: 16 Feb, 2019 03:51 PM
पुलवामा के आंतकी हमले में जिला तरनतारन के गंडीविंड गांव के जवान सुखजिंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहीद को अतंमि श्रद्धाजंलि देने के लिेए के लिए कई राजनीतिक पार्टियों के नेता पहुंचे।
तरनतारन(रमन):पुलवामा के आंतकी हमले में जिला तरनतारन के गंडीविंड गांव के जवान सुखजिंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहीद को अतंमि श्रद्धाजंलि देने के लिेए के लिए भाजपा के संसदीय मामलों के सचिव विजय गोयल पंजाब सरकार की तरफ से सुख सकारिया तथा कई राजनीतिक पार्टियों के नेता पहुंचे थे। शहीद को मुखाग्नि पिता गुरदेव सिंह तथा भाई गुरजंट सिंह ने दी।
इस आतंकी हमले का पता चलते ही गांव गंडीविंड में मातम का माहौल देखने को मिला वहीं मृतक जवान के पारिवारिक सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। गोद में 7 माह के बच्चे को लेकर विलाप करती पत्नी बोली ‘ईश्वर तुझे जरा भी रहम न आया’।
बहुत गरीब परिवार में पले थे सुखजिन्द्र
गांव गंडीविंड (हरीके पत्तन) के किसान गुरमेज सिंह के घर 12 जनवरी 1984 को माता हरभजन कौर की कोख से जन्म लेने वाले शहीद का नाम सुखजिन्द्र सिंह (35) इसलिए रखा गया ताकि वह बड़ा होकर माता-पिता को सुख दे परंतु परमात्मा को कुछ और ही मंजूर था। सुखजिन्द्र सिंह का छोटा भाई गुरजंट सिंह जंटा खेतीबाड़ी करता है और एक बहन लखविन्द्र कौर है। घर की हालत गरीबी वाली है।यह परिवार 2 एकड़ जमीन पर की जाने वाली खेतीबाड़ी और 7 गाय-भैंसों से अपने घर का गुजारा करता है। सुखजिन्द्र सिंह की 2003 में सी.आर.पी.एफ. की 76वीं बटालियन में हुई कांस्टेबल की नियुक्ति के बाद इसका विवाह गांव शकरी की सर्बजीत कौर के साथ हुआ जिससे करीब 7 साल बाद सुखजिन्द्र सिंह के घर एक बेटा होने से वह पिता बना। बाबा बुड्ढा साहिब जी का अनुयायी सुखजिन्द्र सिंह हमेशा यारों के साथ हंसता-खेलता नजर आता। उसका सपना कैनेडा जाने का था।