Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 01:53 AM
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने आरोप लगाया है कि राज्य की कैप्टन सरकार संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों के लिए तय पैमानों का अनुसरण न कर तानाशाही तरीका अपना रही है, जिसकी वह सख्त निंदा करते हैं।खैहरा वीरवार को अपने सरकारी निवास...
चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने आरोप लगाया है कि राज्य की कैप्टन सरकार संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों के लिए तय पैमानों का अनुसरण न कर तानाशाही तरीका अपना रही है, जिसकी वह सख्त निंदा करते हैं।
खैहरा वीरवार को अपने सरकारी निवास पर एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पी.पी.एस.सी. के सदस्यों व सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा तय नियुक्ति प्रक्रिया के विरुद्ध किए जा रहे प्रयास से उन्हें हैरानी व दुख हुआ है। खैहरा ने कहा कि 2 दिन पहले पंजाब सरकार के मुख्य सचिव के फोन पर मिले संदेश के बाद कार्मिक विभाग के विशेष सचिव मुख्यमंत्री व विधानसभा स्पीकर द्वारा मंजूर किए गए 6 पी.पी.एस.सी. सदस्यों व 2 सूचना आयुक्तों के नामों की सूची वाली फाइल उनकी सहमति प्राप्त करने के लिए लेकर आए थे।
जब उक्त अधिकारी से इन नियुक्तियों के लिए अपनाई गई चयन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी मांगी गई तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने हैरानी जताई कि बिना सिलैक्ट कमेटी या स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के ही मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विपक्ष के नेता उनके द्वारा मंजूर किए गए नामों पर सहमति जता दें। खैहरा ने कहा कि उन्होंने उक्त अधिकारी को निर्देश दिए कि वह उन्हें वह फाइल दिखाएं जिससे यह पता चल सके कि इन पदों के लिए आवेदन करने वाले लगभग 150 आवेदकों के नामों को शॉर्ट-लिस्ट करने के लिए क्या प्रक्रिया व मापदंड अपनाए गए। सरकार को यह खुलासा करना चाहिए कि चयन में मैरिट के क्या मापदंड अपनाए गए।
खैहरा ने इस बात पर भी हैरानी प्रकट की कि उनके पास सहमति के लिए फाइल नियुक्तियों का फैसला लेने के बाद भेजी गई जबकि नियमों के अनुसार उनकी सहमति लेने के बाद ही नियुक्तियों का फैसला लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों के इस तरह के गंभीर मुद्दे पर वह मूकदर्शक या रबर-स्टैंप की तरह काम नहीं करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह से उक्त नियुक्तियों के संबंध में दोबारा विचार करने व नियमों के अनुसार मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर व विरोधी दल के नेता की बैठक बुलाकर दोबारा फैसला लेने की मांग की। खैहरा ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को डी.ओ. लैटर लिखकर सरकार से इन नियुक्तियों के लिए अपनाए गए चयन के तरीके, नियमों व मापदंडों के संबंध में जानकारी मांगी है, ताकि अगला कदम उठाया जा सके।