Edited By Vaneet,Updated: 07 Jul, 2018 08:19 PM
पंजाब सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य किए जाने को लेकर जहां राजनीतिक गलियारों और आ...
मुक्तसर साहिब: पंजाब सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य किए जाने को लेकर जहां राजनीतिक गलियारों और आम जनता में आजकल चर्चाओं का बाजार गर्म है वहीं इससे वे लोग सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं जो या तो किसी बीमारी के लिए दवा ले रहे हैं या फिर वे जिन्हें अपना शस्त्र लाईसेंस नवीकरण के लिए अब इसे कराना जरूरी है। डोप टैस्ट कराने से आम आदमी पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है।
शस्त्र लाईसेंस धारक को इसे कराने के लिए प्रथम बार 1510 रूपए फीस देनी पड़ती है। लेकिन जिस व्यक्ति की किसी बीमारी की दवाई चल रही है तो उसका डोप टैस्ट पॉजीटिव आ जाता है और उसे इसे पुन: कराने के लिए 750 रूपए और देने पड़ते हैं। यह भी सामने आया है कि तनाव या उच्च रक्तचाप की दवाएं लेने वालों में यह टैस्ट पॉजीटिव आ रहा है। टैस्ट को नेगेटिव करने के लिए लोगों को इन दवाओं का सेवन करने न करने की सलाह दी जा रही है जो उनके लिए और भी घातक सिद्ध हो सकती है।
इसके अलावा पॉजीटिव टैस्ट को नेगेटिव कराने के लिए स्वास्थय विभाग कर्मियों द्वारा लोगों का शोषण होने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता। एक टीवी चैनल पर इस संबंध में वायरल हुआ स्ंिटग इन आशंकाओं को और प्रबल करता है। अगर ऐसा होता है तो राज्य सरकार के नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयासों को पलीता लग सकता है। वायरल स्ंिटग को लेकर हालांकि मुक्तसर के उप मंडलाधीश राजपाल सिंह ने कहा है कि संबंधित डाक्टर के विरूद्ध विभागीय जांच हो रही है।