Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 01:46 AM
अकाली नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का मुद्दा एक बार फिर से गुरदासपुर उपचुनाव में हॉट मुद्दा बनने जा रहा...
जालंधर(रविंदर शर्मा): अकाली नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का मुद्दा एक बार फिर से गुरदासपुर उपचुनाव में हॉट मुद्दा बनने जा रहा है। सरकार बनने के 6 महीने बाद भी मजीठिया के खिलाफ कांग्रेस सरकार की कोई कार्रवाई न होने को आम आदमी पार्टी चुनावों में अहम मुद्दा बनाने जा रही है। पार्टी नेता सुखपाल खैहरा का कहना है कि जनता के सामने इस बात की पोल खोली जाएगी कि किस तरह से अकाली व कांग्रेसी एक-दूसरे से मिले हुए हैं और दोनों मिलकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं।
गौर हो कि पंजाब विधानसभा चुनाव में नशे के मुद्दे के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने का मुद्दा भी बेहद चर्चा में रहा था। एक तरफ आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने पर 48 घंटे के भीतर मजीठिया को जेल में डालने की बात कही थी तो वहीं माझा के कांग्रेसी नेताओं ने भी अपनी चुनावी सभाओं में सरकार बनने पर मजीठिया को जेल में डालने के लिए जोर-शोर से आवाज उठाई थी, मगर सरकार बनने के 6 महीने तक भी कांग्रेस ऐसा कुछ भी नहीं कर सकी। इसको लेकर पहले ही माझा के कांग्रेसी नेता कैप्टन सरकार से खासे खफा चल रहे हैं जिस कारण कांग्रेसी नेता भी चुनावी कैंपेन से दूर रहने लगे हैं।
40 के करीब कांग्रेसी विधायक तो बाकायदा कैप्टन व जाखड़ को चिट्ठी लिखकर मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने को कह चुके हैं मगर कैप्टन व जाखड़ की इस मामले में चुप्पी अब गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। इलाके के कई कांग्रेसी नेता जहां यह कह रहे हैं कि वह किस मुंह से पार्टी के लिए लोगों के बीच वोट मांगने जाएंगे, वहीं ‘आप’ मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई न होने को अहम मुद्दा बनाने जा रही है। ‘आप’ का कहना है कि अकाली सरकार बनने पर बादल कैप्टन व उनके खासमखासों को बचाते हैं और जब कैप्टन सरकार आती है तो बादल व उनके खासमखासों को बचाया जाता है। अब देखना होगा कि कांग्रेसियों की खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी और ‘आप’ का मजीठिया के खिलाफ मुद्दा आने वाले दिनों में क्या रंग लाता है।