Edited By Vaneet,Updated: 11 Jun, 2018 07:03 PM
मिशन ‘पंजाब तंदरुस्त’ के तहत पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मंडल (पीपीसीबी) ने ऐसी मशीनें बनाई है जो फसल को साफ क..
जालंधरः मिशन ‘पंजाब तंदरुस्त’ के तहत पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मंडल (पीपीसीबी) ने ऐसी मशीनें बनाई है जो फसल को साफ करते समय उड़ती धूल को समेट लेती हैं जिससे दाना मंडियों में अब धूल नहीं उड़ेगी तथा मंडी व आसपास के पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी। आज यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मंडियों में फसल को साफ करते समय उडऩे वाली धूल जहां वायु प्रदूषण बढ़ाती है वहीं मजदूरों, किसानों, आढ़तियों और मंडियों के करीब रहने वाले लोगों में सांस, एलर्जी या फेफड़ों की कई बीमारियां फैलने का कारण भी बनती है।
बोर्ड अध्यक्ष काहन सिंह पन्नू ने बताया कि बोर्ड ने पंजाब की 10 बड़ी मंडियों में से हवा के नमूने लिए थे, जिनमें आरपीएम (रैसेपेरिटरी पारटीकुलेट मैटर) 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब की तजवीजशुदा हद से 5 से 8 गुणा अधिक पाया गया। उन्होंने कहा कि यह धूल प्रदूषण एक बड़ा खतरा है, जिसे रोकने की तत्काल कारूरत थी। बोर्ड ने इस बाबत किसानों, दुकानदारों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ चर्चा करने के बाद धूल एकत्रित करने वाली मशीन तैयार की है, जिसको मैकेनिकल ग्रेन कलीनर्स पर लगाया जाता है, इसके साथ धूल कणों पर 80 से 90 प्रतिशत तक काबू पाया जा सकता है।
पंजाब की दाना मंडियों में 50 हजार मैकेनिकल ग्रेन कलीनर्स हैं और एक मशीन पर छह मजदूर अनाज की सफाई करते हैं। इस तरह किसानों, आढ़तियोंं, दुकानदारों और मंडियों के करीब रहते लोगों के अलावा तीन लाख मजदूर धूल प्रदूषण से प्रभावित होते हैं। अब मैकेनिकल ग्रेन कलीनर्स पर धूल एकत्रित करने वाली मशीनें लगाने से 90 प्रतिशत धूल धूल इसमें एकत्रित हो जाएगी, जिससे मजदूरों को तो प्रदूषण से बचाया ही जा सकेगा आसपास के पर्यावरण को भी साफ सुथरा रखने में मदद मिलेगी।