लुधियाना में संघ नेता की हत्या एक अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र

Edited By Sonia Goswami,Updated: 15 May, 2018 09:00 AM

ludhiana news

हरदीप सिंह को खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (के.एल.एफ.) ने उस समय खोजा था जब वह 19 साल का था। के.एल.एफ. के वरिष्ठ नेता हरमिंदर सिंह मिंटू ने 2013 में इटली के क्रेमोना में उसके परिवार से मुलाकात की थी।

लुधियाना : हरदीप सिंह को खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (के.एल.एफ.) ने उस समय खोजा था जब वह 19 साल का था। के.एल.एफ. के वरिष्ठ नेता हरमिंदर सिंह मिंटू ने 2013 में इटली के क्रेमोना में उसके परिवार से मुलाकात की थी। मिंटू की मौत पिछले महीने पंजाब की जेल में दिल का दौरा पडऩे से हुई। मिंटू ने उसमें क्षमता देखी और इटली से लौटते समय उसके साथ अपनी स्काइप आई.डी. शेयर की। 


साल 2017 में सिंह को संघ के सदस्य रविंदर गोसांई की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सिंह ने जांच दौरान कहा कि उसे किसी भी आर.एस.एस. नेता की हत्या करने के लिए कहा गया था और जब वह लुधियाना के पार्क में पहुंचा तो उस समय वहां संघ की शाखा लगी हुई थी। उसी समय उसने गोसांई को जाते हुए देखा और पहचान लिया कि यह संघ का कोई नेता है क्योंकि गोसांई खाकी की हॉफ पैंट पहने हुए था। सिंह रमनदीप के साथ एक बाइक पर था। दोनों ने गोसांई का पीछा किया और फिर गोली मार दी। एन.आई.ए. के अनुसार सिंह और रमनदीप सिलाई मशीन के मैकेनिक थे और दोनों साल 2016-17 दौरान पंजाब में हत्या और हत्या के प्रयास के 8 मामलों में शामिल थे। 


एन.आई.ए. के अनुसार इस हत्या के पीछे कट्टर सिख आतंकियों का हाथ था, जो दुनिया के कई देशों में रह रहे हैं। एन.आई.ए. का कहना है कि के.एल.एफ. का गठन साल 2000 में मलेशिया में किया गया और उसे पाकिस्तान की आई.एस.आई. का सहयोग मिलता रहता है। के.एल.एफ. के नेताओं के अनुसार यह संगठन ङ्क्षभडरांवाला के विचार का विरोध करने वालों को लक्ष्य बनाता है। इसी के साथ यह सोशल मीडिया के ऊपर भी नजर रखता है और जो लोग सिख विरोधी विचार रखते हैं, उसकी भी हत्या की साजिश रचता है। 


एन.आई.ए. के अनुसार सिंह इटली से भारत का दौरा करता रहता था। वह जब भी भारत आया किसी न किसी की हत्या की या फिर हत्या का प्रयास किया। जब भी वह इटली में रहा तो कोई ऐसी घटना नहीं हुई। एन.आई.ए. उसके और पंजाब में ऐसी हत्याओं के बीच ङ्क्षलक तलाश रही है। एन.आई.ए. ने पंजाब की विशेष अदालत में संघ नेता की हत्या के आरोप में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। 


एन.आई.ए. ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि साल 2014 में जब भी स्काइप पर सिंह को बुलाया गया तो के.एल.एफ. प्रमुख हरमीत सिंह ने उसका जवाब दिया। हरमित सिंह पाकिस्तान की आई.एस.आई. की छत्र-छाया में काम करता है। ऐसा माना जाता है कि अभी वह लाहौर के गुरुद्वारा बीबी नानकी में रह रहा है। साल 2014 में मिंटू को थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया और फिर उसे भारत भेजा गया। 


हरमीत स्काइप पर लगातार सिंह के साथ संपर्क में रहता था। इस संगठन ने भारत में आर.एस.एस. और शिवसेना को लक्ष्य बनाया, जो अतिवादी सिख के खिलाफ बात करता है। वह युवाओं को इनके खिलाफ भड़काता है और इसके नेताओं की हत्या के लिए उकसाता है। एन.आई.ए. चार्जशीट में कहा गया है कि हरमीत ने सिंह को दुबई के वीजा के लिए आवेदन करने को कहा था लेकिन सिंह ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद हरमीत ने सिंह के लिए इटली में ही प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। हरमीत ने सिंह से कहा कि उसका प्रशिक्षक उसे मिलान रेलवे स्टेशन पर मिलेगा। यह प्रशिक्षक गुरिंदर सिंह था। मिलान स्टेशन से दोनों गुरिंदर सिंह के घर ब्रेसिका गए। 


एन.आई.ए. के अनुसार गुरिंदर ने हरमिंदर सिंह को कहा कि हत्या के समय वह सी.सी.टी.वी. कैमरे के ऊपर नजर रखे और साथ ही अपनी गाड़ी का इस्तेमाल न करे। एन.आई.ए. के अनुसार सिंह को जुलाई 2016 और नवम्बर 2017 के बीच इटली, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन से करीब 23 लाख रुपए मिले। एजैंसी के मुताबिक हरमीत ने रमनदीप के साथ फेसबुक के माध्यम से संपर्क किया था और फिर उसे बदला लेने के लिए उकसाया। 

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