Edited By swetha,Updated: 11 May, 2019 12:53 PM
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार पर होने वाले खर्च की सही जानकारी जुटाने के लिए चुनाव आयोग की टीमों ने उम्मीदवारों का पीछा करना शुरू कर दिया है।
लुधियाना(हितेश): लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार पर होने वाले खर्च की सही जानकारी जुटाने के लिए चुनाव आयोग की टीमों ने उम्मीदवारों का पीछा करना शुरू कर दिया है। यहां यह बताना उचित होगा कि चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को 70 लाख रुपए खर्च करने की छूट दी गई है, लेकिन प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों द्वारा अब तक अपने प्रचार अभियान के तहत पब्लिसिटी मैटीरियल व समारोहों पर इससे कहीं ज्यादा पैसा खर्च किया जा चुका है। इस बारे में चुनाव आयोग को सही जानकारी नहीं दी जा रही है जिसके मद्देनजर कोई भी अवैध विज्ञापनों की शिकायत मिलने पर उन्हें लगाने व उतारने का खर्च उम्मीदवारों के अकाऊंट में जोड़ा जा रहा है। हालांकि अभी बहुत ज्यादा पब्लिसिटी मैटीरियल ऐसा है, जिसके खर्च को चुनाव आयोग को दिखाए जा रहे अकाऊंट में नहीं जोड़ा गया है।
इसी तरह उम्मीदवारों द्वारा जो समारोह किए जा रहे हैं उनके पूरे खर्च की डिटेल चुनाव आयोग को मुहैया नहीं करवाई गई है। यहां तक कि खर्च न दिखाने के लिए ज्यादातर समारोहों को चुनाव आयोग की नजरों से छिपाया जा रहा है, जिसके तहत उम्मीदवारों व सियासी पार्टियों द्वारा बिना मंजूरी लिए समारोह करने की शिकायतें बड़ी संख्या में चुनाव आयोग के पास पहुंच रही हैं।इसके मद्देनजर चुनाव आयोग द्वारा अपनी टीमों को पक्के तौर पर उम्मीदवारों के पीछे लगा दिया गया है जो समारोह में होने वाले खर्च को बुक करने के लिए बकायदा वीडियोग्राफी भी कर रही हैं।
3 चरणों में होती है खर्च की क्रॉस चैकिंग
चुनाव आयोग द्वारा अपने तौर पर चैकिंग करने के दौरान या शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करने के बाद उम्मीदवारों के अकाऊंट में जो खर्च बुक किया जाता है उसके लिए बकायदा शैडो रजिस्टर लगाया गया है जिसकी उम्मीदवारों द्वारा लगाए गए रजिस्टर के साथ पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान 3 बार क्रॉस चैकिंग की जाती है।
खर्च का ब्यौरा न देने वालों को जारी हो रहे हैं नोटिस
जिन उम्मीदवारों द्वारा अवैध रूप से विज्ञापन लगाने के अलावा बिना मंजूरी लिए समारोह किए जाते हैं उनको चुनाव आयोग द्वारा रैगुलर नोटिस जारी किए जा रहे हैं, उस पर उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले जवाब के आधार पर ही अतिरिक्त खर्च बुक किया जाता है।
खर्च का ब्यौरा न देने वालों पर यह हो सकती है कार्रवाई
- नहीं मिलेगी प्रचार की मंजूरी
- आई.पी.सी. की धारा 171 ए के तहत कोर्ट में दर्ज होगा केस
- आगे चुनाव लडऩे पर लग सकती है रोक
इस तरह की जा रही है खर्च की बुकिंग
- उम्मीदवारों के प्रचार के लिए चल रही गाडियों का खर्च
- होर्डिंग, झण्डे, बैनर, पोस्टर व अन्य पब्लिसिटी मैटीरियल
- अवैध रूप से लगाए गए विज्ञापनों को उतारने का खर्चा
- लसमारोह के दौरान टैंट, कुर्सियों, साऊंड, टेबल का किराया
- खाने-पीने पर हुआ खर्च
- चुनाव आयोग ने पहले से फिक्स किए हुए हैं आइटम वाइस रेट