Edited By Naresh Kumar,Updated: 14 Feb, 2019 11:23 AM
बठिंडा के बाद पंजाब की दूसरी सबसे हाई प्रोफाइल सीट पटियाला की सीट है। इस सीट पर मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के परिवार का कब्जा रहा है। उनकी पत्नी परनीत कौर इस सीट से लगातार 3 बार सांसद रही हैं। हालांकि पिछली बार वह चुनाव हार गई थीं । इस बार भी...
जालंधर(नरेश): बठिंडा के बाद पंजाब की दूसरी सबसे हाई प्रोफाइल सीट पटियाला की सीट है। इस सीट पर मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के परिवार का कब्जा रहा है। उनकी पत्नी परनीत कौर इस सीट से लगातार 3 बार सांसद रही हैं। हालांकि पिछली बार वह चुनाव हार गई थीं । इस बार भी पार्टी की तरफ से उनकी उम्मीदवारीं तय मानी जा रही है।
खैहरा से हाथ मिलाने पर धर्मवीर गांधी को फिर मिली मजबूती
2017 के विधानसभा चुनाव के बाद माना जा रहा था कि आम आदमी पार्टी के मौजूदा सांसद धर्मवीर गांधी का आधार कम हुआ है। वह इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे लेकिन आम आदमी पार्टी से अलग होकर सुखपाल खैहरा द्वारा बनाई गई पंजाबी एकता पार्टी और धर्मवीर गांधी के मध्य समझौता होने के बाद उनको एक बार फिर मजबूती मिली है। हालांकि आम आदमी पार्टी भी इस सीट पर उम्मीदवार उतारेगी लेकिन वह नया चेहरा होगा। अकाली दल भी इस सीट पर पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा। चतुष्कोणीय लड़ाई के चलते मुकाबला दिलचस्प होगा। इस लोकसभा चुनाव के दौरान कै. अमरेंद्र सिंह के लिए अपने घर की यह सीट बचाना जितनी बड़ी चुनौती होगी, विरोधियों के लिए उनसे यह सीट छीन कर उनकी राजनीतिक ताकत को कम करना भी एक बड़ा चैलेंज होगाष इस सीट का परिणाम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के परिवार के सियासी भविष्य को भी तय करेगा।
पटियाला में कमजोर हुई ‘आप’
2014 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ था तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार धर्मवीर गांधी को 3,65,671 मत हासिल हुए थे। वह नाभा, पटियाला ग्रामीण, सन्नौर, शुतराणा हलकों में आगे निकल गए थे लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी पटियाला लोकसभा के तहत आते किसी विधानसभा हलके में बढ़त नहीं बना सकी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने न सिर्फ आम आदमी पार्टी की बढ़त वाली सीटों पर कब्जा किया बल्कि पटियाला, समाना और घन्नौर की विधानसभा सीटें भी जीत लीं।
2017 के चुनावों में बढ़ा कांग्रेस का वोट बैंक
कांग्रेस को 2014 में 3,44,729 वोट मिले थे जो विधानसभा चुनाव में बढ़कर 5,70,837 वोट हो गए। कांग्रेस को 2014 के मुकाबले 2017 में 2,26,108 वोट ज्यादा मिले हैं जबकि दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने इस दौरान 1,00,877 वोट गंवाए हैं। आम आदमी पार्टी को 2014 में 3,65,671 वोट मिले जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान पटियाला विधानसभा की सीटों पर आम आदमी पार्टी के कुल वोट 2,64,794 हैं। अकाली दल को इस सीट पर 2014 में 3,40,109 वोट मिले थे और उसे भी 2017 में 21,135 वोटों का फायदा हुआ। कुल मिलाकर कांग्रेस और अकाली दल के वोट इस सीट पर बढ़े हैं जबकि आम आदमी पार्टी के वोट कम हो गए हैं।
पटियाला सीट पर दिलचस्प होगा मुकाबला
अमलोह से कांग्रेस विधायक रणदीप सिंह नाभा ने परनीत कौर के खिलाफ जाते हुए पटियाला लोकसभा सीट से टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है। रणदीप सिंह लगातार 4 बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं लेकिन पंजाब की कैबिनेट में उन्हें जगह न मिलने के कारण कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ उनका सियासी तालमेल बिगड़ गया। लिहाजा अब उन्होंने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के परिवार के खिलाफ जाते हुए टिकट के लिए आवेदन किया है।
अकाली दल के पास नहीं कोई बड़ा नेता
पटियाला लोकसभा सीट पर परनीत कौर के सामने उतारने के लिए अकाली दल को मजबूत उम्मीदवार की दरकार है । पार्टी के पास पटियाला सीट पर उतारने के लिए कोई बड़ा स्थानीय नेता नहीं है। पिछले चुनाव में अकाली दल ने दीपइंद्र ढिल्लों को अपने खेमे में मिला लिया था लेकिन वह चुनाव के दौरान तीसरे नम्बर पर रहे थे। इससे पहले अकाली दल ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा को 2009 के चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन वह मौजूदा समय में आनंदपुर साहिब सीट से सांसद हैं। इनके अलावा अकाली दल के पास कोई ऐसा बड़ा चेहरा नहीं है जिसे मैदान में उतारा जा सके।
संसद में धर्मवीर गांधी
हाजिरी-56%
बहस में हिस्सा-67
सवाल पूछे 15
प्राइवेट मैंबर बिल-8
कांग्रेस के प्रभाव वाली रही है पटियाला सीट
आजादी के बाद इस सीट पर 15 बार चुनाव हुए हैं। इनमें से 9 बार कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा किया है जबकि अकाली दल 4 बार इस सीट पर विजयी रहा है। एक बार यह सीट आजाद उम्मीदवार ने जीती है जबकि पिछले चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार धर्मवीर गांधी इस सीट पर विजयी रहे थे। मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की पत्नी परनीत कौर इस सीट से 1999-2004 और 2009 का चुनाव लगातार तीन बार जीत कर हैट्रिक बना चुकी हैं।
वर्ष |
विजेता |
पार्टी |
1957 |
अचिंत राम |
कांग्रेस |
1962 |
हुक्म सिंह |
कांग्रेस |
1967 |
एम. कौर |
कांग्रेस |
1971 |
सतपाल |
कांग्रेस |
1977 |
गुरचरण सिंह |
अकाली दल |
1980 |
अमरेंद्र सिंह |
कांग्रेस |
1985 |
चरणजीत सिंह |
अकाली दल |
1989 |
अतिन्द्रपाल सिंह |
आजाद |
1992 |
संतराम सिंगला |
कांग्रेस |
1996 |
प्रेम सिंह चंदूमाजरा |
अकाली दल |
1998 |
प्रेम सिंह चंदूमाजरा |
अकाली दल |
1999 |
परनीत कौर |
कांग्रेस |
2004 |
परनीत कौर |
कांग्रेस |
2009 |
परनीत कौर |
कांग्रेस |
2014 |
डा. धर्मवीर गांधी |
आप |