Edited By Vatika,Updated: 07 May, 2019 08:58 AM
शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने 3 और 4 अप्रैल को जनसभा के दौरान पंथ, अकाल तख्त और डेरे के नाम पर जनता से वोट डालने की अपील की थी। सोशलिस्ट पार्टी ने संज्ञान लेते हुए 26 अप्रैल को चुनाव आयोग को दी शिकायत में कहा था कि नियमों के तहत जाति या धर्म का वास्ता...
चंडीगढ़ (हांडा): शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने 3 और 4 अप्रैल को जनसभा के दौरान पंथ, अकाल तख्त और डेरे के नाम पर जनता से वोट डालने की अपील की थी। सोशलिस्ट पार्टी ने संज्ञान लेते हुए 26 अप्रैल को चुनाव आयोग को दी शिकायत में कहा था कि नियमों के तहत जाति या धर्म का वास्ता देकर वोट नहीं मांगे जा सकते, जो आचार संहिता का उल्लंघन है इसलिए शिअद की राजनीतिक मान्यता रद्द की जाए।
शिकायत में बताया गया कि सुखबीर ने चुनावी सभा में संबोधित करते हुए कहा था कि क्या पंथ उस पार्टी को वोट करेगा जो उसके खिलाफ है जबकि अन्य जनसभा में सुखबीर ने अकाल तख्त और डेरे के नाम पर वोट देने की अपील की थी। चुनाव आयोग ने कार्रवाई नहीं की तो सोशलिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी जिस पर सुनवाई हुई। सुनवाई के वक्त चुनाव आयोग की ओर से काऊंसिल उपस्थित रहे।